गया : बिहार के गया जिले के रहने वाले एक छात्र विक्की कुमार जो जिले के वजीरगंज प्रखंड क्षेत्र के रहने वाले है। उनका दावा है कि उन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसे बम में सेट करने के बाद बम को आसानी से डिफ्यूज नहीं कर सकते। इस डिवाइस का नाम सेंसर एंड डिफ्यूजर बम टेक्नालॉजी है। जिसे बनाने में लगभग तीन हजार रुपए खर्च किए गए हैं। इस डिवाइस की खासियत यह है कि इसे बम में सेट कर दिया जाता है तो उसे बम को आसानी से डिफ्यूज नहीं कर सकते उसे डिफ्यूज करने के लिए चिप की जरुरत होगी। अगर व्यक्ति के पास वह चीप होगा तो बम को डिफ्यूज कर सकते हैं।
छात्र विक्की बताते हैं कि अगर दुश्मन किसी तरह इस चिप को बना लेते हैं तो दूसरा विकल्प इस डिवाइस में यह है कि इसमें चार पिन लगा हुआ है। जिसमें दो पिन को मेल्ट करने पर डिफ्यूज होगा लेकिन गलती से दो गलत पिन को मेल्ट करते हैं तो वह आटोमेटिक ब्लास्ट हो जाएगा और दुश्मन वहीं पर ढेर हो जाएगा। बिना चीप के बम को डिफ्यूज करने के लिए डिवाइस को टच करना होगा। डिवाइस के तीन सेंटीमीटर उपर हाथ रखेंगे तो वैसे ही ब्लास्ट कर जाएगा। इस डिवाइस में सेंसर भी लगा हुआ है।
विक्की ने बताया कि इस डिवाइस का तीन रूप से इस्तेमाल किया जा सकता है। पहला यह अन डिफ्यूजेबल बम है, दूसरा यह बम लैंडमाइंस की तरह काम करता है। इसका यह फायदा होगा कि अगर बॉर्डर पर हमारे देश में कोई आतंकवादी या दुश्मन घुसना चाहता है तो वह ऑटोमेटिक ब्लास्ट हो जाएगा। हमारे देश के जवान उस लैंडमाइंस पर चढ़कर पार हो जाएगा तब भी कुछ नहीं होगा। क्योंकि इसमें एक चीप लगा होगा। जबकि तीसरा फायदा यह है कि अगर दुश्मन देश हमारे देश के सेना से हथियार या तोप किसी तरह लेकर चले जाते हैं तो हम उस हथियार को नष्ट कर सकते हैं। इस डिवाइस में कंप्यूटर के माध्यम से रेंज निर्धारित किया जाता है। इसका रेंज अनलिमिटेड है। जैसे ही दुश्मन हमारे जवानों का हथियार लेकर भागेंगे तो उस रेंज के बाहर जाते हीं वह ब्लास्ट हो जाएगा और इससे वह दुश्मन वहीं पर ढेर हो सकता है।
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विकी बताते हैं कि इसके पीछे बनाने की सोच भारत और दुश्मन देश के सैनिकों की लड़ाई से मिला। अक्सर देखा जाता है कि भारत में आतंकवादी हमले होते हैं, जिसमें जवान शहीद हो जाते हैं और उनके हथियार को दुश्मन लेकर भाग जाते हैं। उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। अपने हथियार को बचाने के लिए हमने इस तरह का डिवाइस बनाया है।
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आशीष कुमार की रिपोर्ट