रिम्स में नियुक्त ट्यूटर को हटाने के मामले में सुनवाई, गरीब सवर्णों को ट्रांसफर करने का था मामला

रांची : झारखंड हाई कोर्ट में रिम्स में ट्यूटर पद के लिए होने वाली नियुक्ति में आरक्षित पद को गरीब सवर्णों को ट्रांसफर करने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई जस्टिस एस एन पाठक की अदालत में हुई. सुनवाई के बाद अदालत ने रिम्स से जवाब मांगा है. अदालत ने पूछा है कि आखिर कैसे एसटी के लिए आरक्षित पद को आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों के लिए ट्रांसफर कर दिया गया है. अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी. इस संबंध डॉ स्नेह सुप्रिया लकड़ा ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता ने अदालत को बताया गया कि रिम्स की ओर से वर्ष 2020 में माइक्रोबायोलॉजी विभाग में ट्यूटर पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इसमें एसटी के लिए एक पद आरक्षित किया गया था. लेकिन इंटरव्यू को यह कहकर टाल दिया गया कि एचओडी को कोविड है. इसके बाद प्रार्थी को एक वर्ष तक कोई भी सूचना नहीं दी गई. इस बीच दिसंबर 2021 में रिम्स की ओर से दोबारा विज्ञापन जारी किया गया. जिसमें पहले आरक्षित पद को आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों (ईडब्ल्यूएस) के लिए हस्तांतरित कर दिया गया. जिस पर बुधवार को ही साक्षात्कार होना था. इस दौरान रिम्स की ओर से कहा गया कि साक्षात्कार को अनिश्चित काल के लिए टाल दिया गया है. वहीं, आरक्षित पद को ईडब्ल्यूएस के लिए आरक्षित करने पर अभी अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है. इस पर अदालत ने रिम्स से जवाब तलब किया है.

रिपोर्ट : प्रोजेश

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