चुहड़ी काली मंदिर से जुड़ी श्रद्धा लोक आस्था की अनूठी मिशाल – गरिमा

चुहड़ी काली मंदिर से जुड़ी श्रद्धा लोक आस्था की अनूठी मिशाल - गरिमा

बेतिया : नगर निगम की महापौर गरिमा देवी सिकारिया ने एक बड़ी बात कही है। उन्होंने बताया कि पूरे भारत वर्ष में सावन के महीने आमतौर पर देवाधिदेव महादेव की उपासना और जलाभिषेक की परंपरा सदियों पुरानी है। लेकिन इससे अलग चनपटिया अंचल क्षेत्र के चुहड़ी बाजार के समीप स्थित काली मां के मंदिर में पूरे क्षेत्र की सैकड़ों कुआरी कन्याएं करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित राम जानकी मंदिर के समीपवर्ती तालाब से जलबोझी कर के मां काली को चढ़ा कर मनमानी मुरादें पूरी करती हैं। सिकारिया ने बताया कि आज सोमवार को भी सुबह से शाम तक उमड़े आस्था के सैलाब में सुबह से शाम तक श्रद्धालु महिला पुरुषों का तांता लगा रहा।

स्थानीय श्रद्धालुओं के बुलावे पर चुहड़ी के काली मंदिर में पहुंचीं महापौर गरिमा देवी सिकारिया सोमवार को क्षेत्र में दशकों से चली आ रही इस अनूठी आध्यात्मिक आस्था की स्वयं साक्षी बनी। लोक मान्यता के आधार पर नगर निगम महापौर ने बताया कि यहां के लोग दशकों पुरानी मान्यता के तहत सावन में बाबा भोलेनाथ के बजाय मां काली मंदिर में जलाभिषेक कर आस पास के दर्जनों गांव की कुआरी कन्याएं अपनी मन वांछित मुरादें पूरा करतीं हैं।

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दीपक कुमार की रिपोर्ट

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