बाढ़ : बिहार के ऊर्जा क्षेत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए बाढ़ विद्युत ताप परियोजना के प्रथम चरण की तीसरी इकाई (660 मेगावाट) का सफलतापूर्वक ट्रायल रन पांच जून को पूरा किया गया। इस परियोजना का उद्देश्य राज्य की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना और औद्योगिक विकास को गति देना है। बाढ़ सुपर थर्मल पावर परियोजना की कुल उत्पादन क्षमता 3300 मेगावाट निर्धारित की गई है, जो दो चरणों में विभाजित है। प्रथम चरण में 660×3 मेगावाट (कुल 1980 मेगावाट) एवं द्वितीय चरण में 660×2 मेगावाट (कुल 1320 मेगावाट) का विद्युत उत्पादन होगा।
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पहली इकाई को नवंबर 2021 में और दूसरी इकाई को अगस्त 2023 में ऊर्जान्वित किया गया था
परियोजना के प्रथम चरण की पहली इकाई को नवंबर 2021 में और दूसरी इकाई को अगस्त 2023 में ऊर्जान्वित किया गया था, जबकि अब तीसरी इकाई को भी सफलतापूर्वक चालू कर दिया गया है। इसके साथ ही इस चरण के तहत 1980 मेगावाट उत्पादन क्षमता पूरी हो चुकी है, जिसमें से बिहार को 1110 मेगावाट बिजली प्राप्त होगी। वहीं, द्वितीय चरण के तहत 660×2 मेगावाट (1320 मेगावाट) क्षमता की इकाइयों को 2016 में पूरा कर लिया गया, जिससे बिहार को 1136 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उपलब्ध हो रही है।
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बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा उपलब्धता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मील पत्थर है – बिजेंद्र यादव
इस अवसर पर बिहार सरकार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि बाढ़ थर्मल पावर प्लांट बिहार की ऊर्जा उपलब्धता को सुदृढ़ करने की दिशा में एक मील पत्थर है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कुशल नेतृत्व और दूरदर्शी सोच की वजह से संभव हो पाई है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य को निर्बाध एवम् गुणवत्ता बिजली आपूर्ति सुनिश्चित होगी, जिससे औद्योगिक क्षेत्रों, कृषि, व्यापार और घरेलू उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
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