गेतलसूद डैम में मात्र तीन माह का पानी, विभाग की ओर से अभी से की जा रही है राशनिंग की तैयारी

गेतलसूद डैम में मात्र तीन माह का पानी, विभाग की ओर से अभी से की जा रही है राशीनिंग की तैयारी

रांची: शहर में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे भू-गर्भ जलस्तर भी नीचे जा रहा है। जलसंकट से निपटने के लिए फिलहाल विभाग के पास भी कोई योजना नहीं है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि गेतलसूद डैम में मात्र अब तीन महीने का ही पानी बच्चा है। इसलिए जल्द ही पानी की राशनिंग शुरू कर दे जाएगी।

यानी शहरवासियों को सप्ताह में तीन से चार दिन ही पानी मिलेगा। गेलतसूद डैम से रोजाना शहर में 120 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है। रोजाना डैम का आधा इंच पानी नीचे जा रहा है।

हालांकि पिछले पांच सालों की तुलना में इस साल जलस्तर बेहतर है। पांच साल में राजधानी की आबादी लगभग दोगुनी हो गई है। शहर भी तेजी से फैल रहा है।

दो वर्षों में ही जुडको ने शहर में लगभग 40 हजार नए वाटर कनेक्शन जोड़े हैं। इसमें केवल आधा घरों को पानी पहुंच रहा है।

कांके डैम में इस साल अब तक मात्र 10 फीट ही पानी है जिसकी मात्र तीन माह तक ही सप्लाई हो सकती है। हैम की अधिकतम क्षमता 32 फीट है।

13 मार्च को डैम का जलस्तर 21 फीट पर पहुंच गया जबकि 12 फीट तक ही पानी सप्लाई के लिए लिया जा सकता है। इसके नीचे गाद है। पीएचईडी के अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल मार्च की तुलना में इस साल अधिक गर्मी है। डैम का जलस्तर तेजी से नीचे जा रहा है।

यह खतरे के निशान तक जल्द ही पहुंच जाएगा। कांके डैम से रोजाना 19.59 एमएलडी पानी की सप्लाई होती है।
राजधानी में तेजी से बढ़ती गर्मी के कारण डैम का जलस्तर नीचे जा रहा है। शहर के 75 प्रतिशत क्षेत्र में सप्लाई करने की क्षमता रखने वाला हैम गेतलसूद का जलस्तर एक माह में तीन इंच नीचे चला गया है।

जबकि कांके हैम व हटिया हैम का जलस्तर एक माह में एक से डेढ़ इंच नीचे पहुंचा है। सप्लाई के साथ-साथ बढ़ रही गर्मी से भी डैम का जलस्तर नीचे जा रहा है। ऐसे में गर्मी में जलसंकट से निपटने के लिए विभाग के पास मात्र एक मंत्र राशनिंग बचा हुआ है। विभाग राशनिंग की तैयारी में जुट गया है।

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