Ranchi : लाह उत्पादन की गुणवत्ता और मार्केटिंग में सुधार करने की जरुरत है-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Ranchi : लाह उत्पादन की गुणवत्ता और मार्केटिंग में सुधार करने की जरुरत है-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

Ranchi : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुई। इस दौरान उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा कि सबसे पहले तो बिरसा मुंडा के पावन धरती के वासियों को मेरा जोहार, नमस्कार। बिरसा मुंडा का इस पावन धरती से मेरा खासा लगाव रहा है। यहां की जनता से मुझे खूब सारा प्यार और स्नेह मिला है। यहां आना मेरे लिए तीर्थयात्रा के समान है।

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Ranchi : 200 रुपए प्रति किलो लाह बेचते हैं किसान

इस शताब्दी समारोह पर सभी को मेरी ओर से बधाई। राज्यपाल के तौर पर मैने इस संस्था में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है।आगे उन्होंने कहा कि 2017 में मैंने लाह उत्पादन कर रहे किसानों को सम्मानित किया था। पहले भी मैं यहां कई कार्यक्रमों में आ चुकी हूं। यहां राज्य के किसान 200 रुपए प्रति किलो लाह बेचते थे फिर वहीं लाह पैकेजिंग होने के बाद वही लाह 2000-3000 रुपए प्रति किलो बिकता था।

Ranchi : लाह उत्पादन की गुणवत्ता और मार्केटिंग में सुधार करने की जरुरत है-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू
Ranchi : लाह उत्पादन की गुणवत्ता और मार्केटिंग में सुधार करने की जरुरत है-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

हमारे देश के कई राज्य में लाह उत्पादन किया जाता है इसका 55 प्रतिशत उत्पादन झारखंड में होती है। लाह उत्पादन मुख्य रुप से जनजातीय समुदाय के द्वारा किया जाता है। उनकी आर्थिक आय का यह महत्वपूर्ण साधन है। स्मॉल स्केल लाह उत्पादन युनिट भी शुरु किया जा रहा है। यह व्यावहारिक कदम यहां की जनजातीय समाज के लोगों के लिए रामबाण साबित हुआ है।

ऑटोमेशन और प्लांट इंजीनियरिंग की स्थापना की गई है

इस संस्थान के द्वारा किसानों के लिए विशेष परिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। यहां की एसएसजी महिलाओं और बहनों के द्वारा लाह उत्पादन के साथ-साथ फसलों का भी उत्पादन किया किया जाता है। पर इतनी दूर शहर लाकर बेचने में कई बार उनकी सब्जियां सड़-गल जाती है। मैं यहां के अफसरों से कहना चाहती हूं कि उनके सब्जियों को सड़ने गलने से बचाने के लिए कुछ उपाय करें।

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संस्थान में ऑटोमेशन और प्लांट इंजीनियरिंग की स्थापना की गई है। यह खुसी की बात है। कई भेक्ष फार्मासुटिकल और कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में उच्चस्तरीय किस्म के लाह की मांग है। यदि भारत में इसकी गुणवत्ता, सप्लाई चेन और मार्केंटिंग में सुधार किया जाए तो हमारे किसान देश-विदेश में इसकी सप्लाई कर सकते हैं और उन्हें बेहतर मूल्य मिल सकता है।

दुनिया के सबसे बड़े भंडारण योजना पर काम कर रही है सरकार

देश की करीब आधी से भी ज्यादा आबादी की अजीविका कृषि पर निर्भर है। देश में कृषि को और बेहतर बनाने के लिए सरकार के द्वारा कृषि सुधार के लिए कई कदम उठाया गया है। शहरो से लेकर गांवो तक कृषि आधारित उद्योगों को विस्तार किया जा रहा है। किसान उत्पादन संघ (एफपीओ) और पैक्स जैसै सहकारी संगठनों का प्रसार किया जा रहा है। सरकार ने सहकारिता क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े भंडारण योजना पर काम शुरु कर दिया है।

अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मांग को ध्यान में रखते हुए सरकार प्राकृतिक खेती व इससे जुड़े उत्पादों को ध्यान में रखते हुए सप्लाई चेन को सशक्त कर रहे हैं। पीएम किसान संबंध निधि के तहत किसानों को अपने छोटे खर्चे पूरी करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है। पीएम किसान समुदाय के माध्यम से किसानों की विभिन्न जरुरतों को एक ही जगह पूरा किया जा रहा है।

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