झारखंड नियोजन नीति 2016 को खारिज करने का हाई कोर्ट के आदेश सही-सुप्रीम कोर्ट

राज्य स्तर पर मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्ति की जाएगी

राज्यस्तर पर मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्ति की जाएगी

सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को सही ठहराया.


झारखंड की नियोजन नीति 2016 को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला.

झारखंड हाईकोर्ट ने नियोजन नीति 2016 को खारिज किया था.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस नीति के तहत राज्य में हुए सभी शिक्षकों की नियुक्ति मान्य होगी.

लेकिन खाली पद उन्हीं लोगों की मेरिट से भरा जाएगा जो हाई कोर्ट की सुनवाई में प्रार्थी के तौर शामिल हुए थे.

अदालत ने कहा कि अब राज्यस्तर पर एक मेरिट लिस्ट बनाकर नियुक्ति की जाएगी.

बता दें कि झारखंड हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के नियोजन नीति को गलत बताते हुए खारिज कर दिया था .

इसके साथ ही अनुसूचित 13 जिलों की नियुक्ति को भी रद कर दिया था.

इसके बाद आठ हजार से अधिक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई थी.

उनके लिए राहत की बात है . सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उनकी नियुक्ति मान्य रहेगी.

अब 11 जिला के अभ्यर्थी 13 जिला में तथा 13 जिला के अभ्यर्थी 11 जिला में नौकरी कर सकते है.

फिर से रिजल्ट जारी होने के बाद नयी सीनियरटी लिस्ट बनेगी

सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती

2016 की नियोजन नीति के तहत झारखंड के 13 अनुसूचित जिलों के सभी तृतीय और चतुर्थवर्गीय पदों को उसी जिले के स्थानीय निवासियों के लिए आरक्षित किया गया था, वहीं गैर अनुसूचित जिले में बाहरी अभ्यर्थियों को भी आवेदन करने की छूट दी गयी थी. इस नीति के आलोक में वर्ष 2016 में अनुसूचित जिलों में और गैर अनुसूचित जिलों में शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हुई थी खूंटी के शिक्षक सत्यजीत कुमार एवं अन्य की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर झारखंड हाईकोर्ट के 21 सितंबर 2020 के फैसले को चुनौती दी गई थी.


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