Ranchi: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड के चाईबासा जिले में थैलेसीमिया से ग्रस्त बच्चों को रक्त HIV संक्रमित खून चढ़ाए जाने की घटना पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने इस मामले को “अत्यंत भयावह और अमानवीय लापरवाही” बताया। मंत्री ने कहा कि यह घटना केवल एक चिकित्सीय गलती नहीं, बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य तंत्र की विफलता का प्रतीक है। जिन बच्चों की जिंदगी उपचार से बचाई जानी थी, उन्हें लापरवाही और गैर-जिम्मेदारी ने आजीवन पीड़ा दे दी है।
मामले की उच्चस्तरीय जांच होः
मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि केवल मुआवजे की घोषणा पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह समय पूरे तंत्र की समीक्षा का है। यह समझने का कि संक्रमित रक्त आखिर कहां से आया, परीक्षण की प्रक्रिया में चूक कैसे हुई, और इतनी गंभीर गलती के बाद जवाबदेही तय क्यों नहीं हो रही है।
दोषी पर हो कड़ी कार्रवाईः
अन्नपूर्णा देवी ने झारखंड सरकार से आग्रह किया कि इस पूरे मामले की निर्धारित समय सीमा में उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और जो भी व्यक्ति या अधिकारी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से दोषी पाया जाए। उसके विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि यह मामला केवल पांच बच्चों तक सीमित नहीं, बल्कि पूरे राज्य के स्वास्थ्य तंत्र और जनता के भरोसे का प्रश्न है। उन्होंने केन्द्र सरकार की ओर से यह आश्वासन दिया कि यदि आवश्यक हुआ तो केंद्र स्तर पर भी उचित सहयोग और निगरानी सुनिश्चित की जाएगी।
राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर कार्रवाईः
मंत्री ने कहा राज्य सरकार को यह समझना होगा कि शासन संवेदनशीलता और जवाबदेही से चलता है, न कि संवेदनहीनता से। इस वक्त घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं, रक्त-दान व्यवस्था और सरकारी जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर कार्रवाई की गति पर नजर रखी जा रही है।
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