डिजीटल डेस्क : यूपी के शिक्षा विभाग ने किया स्पष्ट – नहीं बंद होंगे राज्य के 27 हजार स्कूल, दूसरों में होगा विलय। यूपी में बड़ी तादाद में प्राथमिक स्कूलों के बंद होन संबंधी तेजी से फैली खबरों को प्रदेश की सरकार ने निराधार बताया है।
यूपी के 27000 बेसिक शिक्षा के स्कूल नहीं बंद होंगे और इन स्कूलों को दूसरे में समायोजित करने का विलय करने की भी कोई योजना नहीं है।
इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट साझा कर स्थिति स्पष्ट कर दी है कि यूपी में बेसिक शिक्षा विभाग के 27000 स्कूल नहीं बंद होंगे और न ही इन स्कूलों का दूसरे में विलय किया जाएगा।
सरकार बोली – स्कूल बंद करने की खबर गलत-भ्रामक
बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश की ओर से सोशल मीडिया पर साझा किए गए पोस्ट में स्पष्ट् किया गया है कि प्रदेश के 27000 बेसिक स्कूलों को बंद करने की खबर पूरी तरह से भ्रामक और गलत है। साथ ही विभाग ने कहा कि किसी भी विद्यालय को बंद करने की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है।
बता दें कि मीडिया में ऐसी खबरें चल रहीं थी कि उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा विभाग राज्य भर में लगभग 27,000 ऐसे बेसिक स्कूलों को बंद कर सकता है जिनमें 50 से कम छात्र नामांकित हैं। विभाग की ओर से बयान जारी करने के बाद अब स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश में बेसिक शिक्षा का कोई भी स्कूल नहीं बद हो रहा है।
स्कूलों के एक से दूसरे में विलय होने की खबर लोगों के बीच ऐसे फैली थी…
विभागीय स्तर पर अब जो स्थिति स्पष्ट करनी है, उसके लिए बने भ्रामक माहौल के लिए कई कारण भी लोगों ने गिनाए हैं। बताया जा रहा है कि शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने बीते 23 अक्टूबर को एक समीक्षा बैठक की थी।
उसमें उन्होंने सभी ब्लॉक स्कूल प्रशासकों (बीएसए) को इन खराब प्रदर्शन करने वाले स्कूलों का आकलन करने और विलय के लिए तैयारी करने का निर्देश दिए थे। वह निर्णय केंद्र सरकार के मौजूदा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और इन स्कूलों में उपलब्ध सीमित सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करने के प्रस्ताव के मद्देनजर लिया गया था।
वहीं, एक अधिकारी ने कहा था कि प्राथमिक उद्देश्य कम छात्र आबादी वाले स्कूलों को अधिक नामांकन वाले नजदीकी स्कूलों में एकीकृत करके संसाधनों को मजबूत करना है। उसी क्रम में 13 या 14 नवंबर इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक होनी थी, जिसमें इस मुद्दे पर चर्चा किए जाने की बात भी फैली है।
अकेले लखनऊ में 1,618 सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में से 300 से अधिक स्कूल ऐसे हैं, जहां छात्रों की संख्या 50 से कम हैं। हाल ही में सभी मडंलीय सहायक शिक्षा निदेशकों एवं बेसिक शिक्षा अधिकारियों की बैठक में बताया गया कि इस सत्र में बच्चों की संख्या 1.49 करोड़ है।