औरंगाबाद : औरंगाबाद हसपुरा थाना क्षेत्र के देवचंद सिंह उच्च विद्यालय डिंडीर में पढ़ने वाले छात्र से गिट्टी ढुलाई करते हुए वीडियो एवं छात्राओं द्वारा झाड़ू लगाए जाने का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। हालांकि वायरल वीडियो का पुष्टि हम नहीं करते है कि यह वीडियो कब की है। लेकिन यह वीडियो हसपुरा प्रखंड के डिंडिल ग्राम की है जहां शिक्षकों को न तो केके पाठक की खौफ है। बालश्रम कानून की यह वायरल वीडियो में आप साफ देख सकते कि छात्रों के द्वारा गिट्टी ढुलाई की जा रही है। जहां तस्वीर में पूर्व प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिन्हा कार्यस्थल पर खड़े भी दिख रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि यह बीडीओ डिंडीर हाई स्कूल का ही है।
आपको बता दें की जहां एक तरफ शिक्षा विभाग की ओर से कई की योजनाएं चलाकर विद्यालयों में तेजी से छात्रों की घट रही संख्या को बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। साथ ही शिक्षा के गिरते स्तर में सुधार करने हेतु शिक्षकों को भी समय-समय पर हिदायत दी जाती है। लेकिन केके पाठक की लाख सक्रियता के बाद भी विद्यालयों कार्य मे तैनात शिक्षक व शिक्षिकाएं अपने कर्तव्यों को भुलते जा रहे हैं। विद्यालय में पढ़ने के लिए आने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बजाय बच्चों से विद्यालय की साफ-सफाई तथा अन्य काम करा या जा रहा है। जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
वायरल वीडियो में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा स्कूल के बाउंड्री से बाहर रखा गया गिट्टी को कुदाल से उठाकर ढुलवाया जा रहा है। दूसरी वायरल वीडियो में छात्राओं द्वारा झाड़ू लगवाया जा रहा है। जिससे प्रधानाध्यापिका अनुपमा कुमारी, पूर्व प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिंह एवं विद्यालय के चपरासी सुरेंद्र सिंह खड़े होकर इस कार्य को बच्चे से करवा रहे हैं। वायरल वीडियो में साफ-सफाई करते हुए देखा जा सकता है। यही नहीं उन बच्चों से झांडू भी लगवाई जाती है। यदि कोई बच्चा मना करता है तो डांट डपट कर जबरन उससे साफ-सफाई कराई जाती है।
फिलहाल ऐसा लंबे समय से चला आ रहा है। जब इस सबंध में वर्तमान प्रधानाध्यापिका अनुपमा कुमारी से टेलीफोनिक सम्पर्क किया गया तो पूर्व प्रधानाध्यापक महेश प्रसाद सिन्हा मोबाइब रिसीव कर बताया कि विद्यालय संस्थापक का पुण्यतिथि था। इसलिए विद्यालय की साफ-सफाई किया जा रहा था। पूर्व में स्कूल का बाउंड्री बाल का कार्य किया गया था। जिसके बाद बचा हुआ गिट्टी को बच्चों से चुनवाया गया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी झाड़ू लगा सकते हैं तो छात्र क्यों नहीं। बच्चों को कार्य को लेकर प्रेरित किया गया हैं, इसलिए छात्राओं से झाड़ू लगवाया है।
जब इस मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी संग्राम सिंह से बात की गई तो तो उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चों से विद्यालय में कार्य करना तो अलग बात है झाड़ू लगवाने की भी इजाजत नहीं दी गई है। अगर इस तरह से कार्य करवाया गया है तो जांच कर ऐसे शिक्षक तथा प्रधानाध्यापिका पर कार्रवाई की जाएगी।
दीनानाथ मौआर की रिपोर्ट