रांची: देश के प्रसिद्ध उद्योगपति और टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा का निधन हो गया है। 86 वर्ष की आयु में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। रतन टाटा लंबे समय से बीमार चल रहे थे और उनके स्वास्थ्य की निगरानी के लिए लगातार मेडिकल चेकअप हो रहे थे।
उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके निधन के बाद झारखंड सरकार ने भी एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि रतन टाटा का योगदान न केवल व्यापार जगत बल्कि समाज के हर क्षेत्र में अत्यधिक महत्वपूर्ण था।
रतन टाटा के निधन की खबर आने के बाद पूरे देश में दुःख और शोक की लहर फैल गई है। वे एक ऐसे उद्योगपति थे जिन्होंने न केवल टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपनी दरियादिली और सामाजिक कार्यों के लिए भी जाने जाते थे। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था और उन्होंने 1991 से लेकर 2012 तक टाटा समूह का नेतृत्व किया। उनके नेतृत्व में टाटा समूह ने टेलीकॉम, आईटी, स्टील और अन्य क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल कीं। उनकी सादगी, नेतृत्व क्षमता और समाजसेवा के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें एक आदर्श और प्रेरणास्रोत बना दिया था।
रतन टाटा के निधन से देश ने एक महान उद्योगपति और एक नेकदिल इंसान को खो दिया है। उनके योगदान को याद करते हुए पूरा देश शोक में है।