Garhwa- गढ़वा जिले के चिनियां थाना क्षेत्र में जंगली हाथियों का आतंक देकने को मिला है। रंका रोड स्थित बड़का नाला के पास जंगल में शनिवार को जंगली हाथियों ने चिरका टोला निवासी दशरथ सिंह को कुचलकर मार डाला। जिसकी घटनास्थल पर ही दर्दनाक मृत्यु हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही चिनिया वन विभाग की टीम व पुलिस प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेते हुए शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए गढ़वा सदर अस्पताल में भेज दिया है।
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घटना के संबंध में मृतक के बड़े बेटे ने बताया कि वे सभी रोज की तरह जंगल में महुआ चुनने के लिए गए हुए थे तभी महुआ चुनने के दौरान ही हाथियों ने मेरे पिता को कुचल कर मार डाला। हम लोग अपने आंखों से देखते रह गए लेकिन अपने पिता को बचा नहीं पाए और डर के कारण हम लोग वहां से अपनी जान बचाकर भागे और इसकी जानकारी ग्रामीणों को दी।
10 से 15 की संख्या में थे हाथी
जानकारी मिलते ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण घटनास्थल पर पहुंचे और इसकी सूचना पुलिस प्रशासन व वन विभाग को दी गई। हाथियों की संख्या लगभग 10 से 15 बताई गई। हाथी अभी भी चिनीया चिरका के जंगल में ही है। हाथियों के दहशत से आम ग्रामीणों में काफी डर देखा जा रहा है जबकि बीते रात ही हाथियों ने चिरका गांव निवासी अवधेश भुइंया के खपरैल घर को पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त कर दिया था। जबकि रात में ही घर के परिवार अपने जान को बचाकर किसी तरीके से घर से भागे हैं।
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घटना के बारे में पूछे जाने पर गढ़वा दक्षिणी वन प्रमंडल पदाधिकारी शशि कुमार ने बताया कि घटना की जानकारी मिलते ही हमारी टीम घटनास्थल पर पहुंच गई है। फिलहाल मृतक के परिजन को श्राद्ध कार्य के लिए ₹10000 की सहायता राशि दी गई है व मुआवजे की चार लाख रुपए की राशि कागजी प्रक्रिया के बाद अविलंब परिजनों को दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की है कि बेवजह लोग जंगल में न जाएं व हाथियों से छेड़छाड़ ना करें। जबकि हाथियों को भगाने की बात पूछे जाने पर चुप्पी साथ गए।
इलाके में लगातार आतंक मचा रहे हैं हाथी
बता दें कि चिनिया थाना क्षेत्र में पिछले 9 महीने से हाथियों ने उत्पाद मचाया हुआ है। हाथी लगातार इलाके में नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्रामीणों के द्वारा लगातार हाथियों को भगाने की मांग की जा रही है। बावजूद इसके अभी तक विभाग के द्वारा कोई पहल नहीं किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों में काफी आक्रोश का माहौल है। अभी तक हाथियों ने दो दर्जन मकानों को क्षतिग्रस्त कर चुके हैं जबकि कई पशुवों को भी कुचलकर मार डाला है। हाथियों ने किसानों के फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचाया है, जिससे किसान व आम ग्रामीण काफी चिंतित है।