मुंगेर सीट से ललन सिंह को फिर से एक बार चुनेगी जनता या …

मुंगेर सीट से ललन सिंह को फिर से एक बार चुनेगी जनता या ...

आज हम बिहार की मुंगेर लोकसभा सीट की चर्चा करेंगे.

मुंगेर सीट पर शुरुआती दौर में चुनावों में कांग्रेस का दबदबा रहा है. कांग्रेस ने यहां से लगातार 7 बार जीत दर्ज की है .. आज तक कांग्रेस ने मुंगेर सीट 10 बार अपने नाम की है. लेकिन 1989 से मुंगेर से कांग्रेस का वर्चस्व खत्म हुआ..1984 के चुनाव के बाद मुंगेर में कांग्रेस ने एक बार भी जीत हासिल नहीं की है.

वर्तमान में मुंगेर लोकसभा सीट पर जदयू का कब्जा है और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह यहां से सांसद हैं.

2024 के चुनाव में भी जदयू ने ललन सिंह को ही टिकट दिया है. ललन सिंह मुंगेर से चौथी बार अपनी किस्मत आजमाने उतरेंगे, उनके खिलाफ चुनावी मैदान में राजद ने बाहुबली अशोक महतो की पत्नी अनिता कुमारी को टिकट दिया है.

अनिता कुमारी को टिकट मिलने के पीछे भी दिलचस्प किस्सा है और कुछ दिनों पहले उनकी चर्चा भी तेज थी. हुआ यू कि बाहुबली अशोक महतो लोकसभा चुनाव लड़ना तो चाहते थे लेकिन उनके ऊपर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने के कारण उन्हें डर था कि कहीं उनका नामांकन रद्द न हो जाए. इसी बीच उन्होंने 62 साल की उम्र में 46 साल की अनिता कुमारी से विवाह किया, अशोक महतो को टिकट पाने की इतनी जल्दी थी कि उन्होंने खरमास के महीने में ही शादी रचा ली. शादी क बाद राजद ने अशोक मेहता की पत्नी अनिता कुमारी को मुंगेर सीट से चुनावी मैदान में उतारा है.

खैर, हम आगे बढ़ते हैं अब बात करते हैं मुंगेर लोकसभा की वर्तमान राजनीतिक स्थिति की .

मुंगेर लोकसभा के अंतर्गत 6 विधानसभा की सीटें आती है जिसमें मुंगेर, जमालपुर, सूर्यगढ़ा, लखीसरीय, मोकामा, बाढ़ की सीटें शामिल है. इन 6 सीटों पर 3 पर बीजेपी का कब्जा है, 2 पर आरजेडी और 1 सीट कांग्रेस के पास है.

मुंगेर से प्रणव कुमार यादव बीजेपी के विधायक हैं. जमालपुर से कांग्रेस के अजय कुमार सिंह का कब्जा है. सूर्यगढ़ा में राजद से प्रह्लाद यादव विधायक हैं. लखीसराय से बीजेपी के विजय कुमार सिंहा का कब्जा है, वहीं मोकामा में नीलम देवी राजद से विधायक है और बाढ़ में ज्ञानेंद्र कुमार सिंह बीजेपी से विधायक है.

मुंगेर लोकसभा सीट पर एक नजर डालें तो मुंगेर में 1952 से 1962 तक लगातार 7 बार कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा किया. मुंगेर सीट में 1952 में एक साल में ही 4 सांसद बने. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 1952 में मुंगेर जिले को चार संसदीय क्षेत्र में बांटा गया था. ये चार लोकसभा सीटों में एक मुंगेर नॉर्थ-वेस्ट, दूसरा साउथ- ईस्ट, तीसरा मुंगेर सदर सह जमुई एससी और चौथा मुंगेर सदर जमुई (सामान्य) था.इन 4 सीटों से मुंगेर के 4 सांसद दिल्ली पहुंचे. जिसमें मुंगेर नॉर्थ-वेस्ट लोकसभा सीट से सुरेश चंद्र मिश्र, मुंगेर साउथ ईस्ट से मथुरा प्रसाद, मुंगेर सदर सह जमुई एससी से नयन तारा दास और मुंगेर सदर सह जमुई सामान्य से बनारसी प्रसाद सिंह सांसद निर्वाचित हुए थे.

जिसके बाद अगले चुनाव यानी 1957 में मुंगेर जिले से दो लोकसभा सीट को हटा दिया गया. इनमें मुंगेर नॉर्थ वेस्ट से बनारसी प्रसाद सिन्हा और मुंगेर साउथ ईस्ट से नयन तारा दास निर्वाचित हुए थे.

1962 में भी कांग्रेस से बनारसी प्रसाद सिन्हा सांसद बने.

अगले चुनाव में यह सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई और 1964 में हुए उपचुनाव में मधु लिमये सम्युक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट से जीते.

1967 के चुनाव में मधु लिमये ने सम्युक्त सोशलिस्ट पार्टी को दुबारा जीत दिलाई.

1971 में मुंगेर में कांग्रेस ने वापसी की और देवनंदन प्रसाद यादव सांसद बने.

1977 में सत्ता विरोधी लगर पर सवार होकर श्रीकृष्ण सिंह जनता पार्टी के टिकट से जीतकर दिल्ली पहुंचे.

लेकिन 1980 में देवनंदन प्रसाद यादव ने कांग्रेस की वापसी की और मुंगेर से फिर सांसद बने.

1984 के चुनाव में भी देवनंदन प्रसाद यादव ने कांग्रेस को दुबारा जीत दिलवाई. ये वहीं आखिरी लोकसभा चुनाव था जब मुंगेर से कांग्रेस का सांसद चुना गया. इसके बाद कांग्रेस मुंगेर सीट पर अब तक वापसी नहीं कर पाई. इस बार भी यहां से राजद की उम्मीदवार है.

1989 में धनराज सिंह जनता दल के टिकट से जीते.

1991 में मुंगेर में भाकपा ने जीत दर्ज की और ब्रह्मानंद मंडल जीते.

1996 में समता पार्टी से ब्रह्मानंद मंडल ने जीत हासिल की.

1998 में राजद ने अपनी पहली जीत दर्ज की और विजय कुमार यादव सांसद बने.

1999 में ब्रह्मानंद मंडल ने तीसरी बार जीत दर्ज की लेकिन इस बार वे जदयू के टिकट से जीते.

2004 में मुंगेर में राजद ने परचम लहराया और जय प्रकाश नारायण यादव सांसद बने.

2009 के लोकसभा चुनाव में जदयू ने जीत दर्ज की और पहली बार ललन सिंह सांसद बने.

2014 लोकसभा चुनाव में जदयू चुनाव में जदयू एनडीए से अलग हो गया और अकेले चुनाव में जदयू एनडीए से अलग हो गया और अकेले चुनाव में उतरा. इसका नुकसान उसे उठाना पड़ा. लोक जनशक्ति पार्टी की वीणा देवी ने जदयू के ललन सिंह को शिकस्त दी और मुंगेर की सांसद बनी.

2019 में जदयू एनडीए का हिस्सा बनकर चुनाव में उतरा. गठबंधन में मुंगेर सीट जदयू को मिली. नतीजा पक्ष में आया और ललन सिंह ने दूसरी बार जीत दर्ज की.

2024 में ललन सिंह एक बार फिर से मैदान में हैं ,और जीत की हैट्रिक लगाना चाहते हैं.

अब ललन सिंह तीसरी बार जीत हासिल कर पाएंगे या मुंगेर राजद की झोली में जाएगा. ये तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.

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