रांचीः रोटरी क्लब की ओर से 24 अक्टूबर को विश्व पोलियो दिवस का आयोजन किया जाएगा. विश्व स्वास्थ्य संगठन पोलियो उन्मूलन के लिए हमेशा प्रयासरत रहा है और पोलियो के विरुद्ध इस संघर्ष को मजबूती देने के लिए हर वर्ष 24 अक्तूबर को पूरे विश्व में विश्व पोलियो दिवस मनाया जाता है.
दरअसल 24 अक्टूबर जोनास साल्क का जन्म दिन है, जोनास साल्क एक अमेरिकी वायरोलॉजिस्ट थे, जोनास साल्क ने ही दुनिया का पहला सुरक्षित और प्रभावी पोलियो वैक्सीन बनाया था.
बता दें कि पोलियो को कभी अत्यंत संक्रामक बीमारी के माना जाता था, विश्व के लाखों बच्चे इस बीमारी की चपेट में आकर अपाहिज हो गए. एक समय यह बीमारी सारी दुनिया के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई थी. डॉ. साल्क ने इसके टीके इजाद कर मानव जाति को इस घातक बीमारी से लड़ने का हथियार दिया था.
आगे चलकर 1988 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ),और रोटरी इंटरनेशनल और दूसरे संगठनों की ओर से ग्लोबल पोलियो उन्मूलन (GPEI)की स्थापना की गई.
पोलियो या पोलियोमेलाइटिस एक अपंग यानी विकलांग करने वाली घातक बीमारी है. पोलियो वायरस के कारण यह बीमारी होती है. व्यक्ति से व्यक्ति में फैलने वाला यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर हमला कर सकता है.जिससे पक्षाघात होने की आशंका रहती है. पक्षाघात की स्थिति में शरीर को हिलाया नहीं जा सकता और व्यक्ति हाथ, पैर या अन्य किसी अंग से विकलांग हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन व रोटरी के लगातार व अथक प्रयासों और विभिन्न देशों की सरकारों की दृढ़ता के साथ टीकाकरण अभियान ने दुनिया को पोलियो से बचाया.
आज खुशी है कि भारत पोलियो मुक्त हो चुका है. हालांकि, दुनिया के कुछ हिस्सों में विकलांगता के कुछ केस सामने आते रहते है.