गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या दीपोत्सव 2024 के 2 रिकॉर्ड दर्ज, एक साथ जले 25.12 लाख दीप और 1121 अर्चकों ने की आरती

अयोध्या में बने विश्व रिकॉर्ड का मिले सर्टिफिकेट को मंच से दिखाते सीएम योगी आदित्यनाथ।

डिजीटल डेस्क : गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अयोध्या दीपोत्सव 2024 के 2 रिकॉर्ड दर्ज, एक साथ जले 25.12 लाख दीप और 1121 अर्चकों ने की आरती। बुधवार शाम प्रभु श्रीराम की नगर अयोध्या में दीपोत्सव के मौके पर दो रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज हुए।

एकसाथ कुल 1121 अर्चकों ने सरयू तट पर महाआरती की। साथ ही इस दौरान सरयू तट के घाटों पर कुल 25 लाख 12 हजार 585 दीप जले।

अपने धाम में विराजमान हुए प्रभु श्रीरामलला की मौजूदगी में पहले दीपोत्सव पर इस बार सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने अनूठी पहल की। रात के 8 बजे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की ओर से अयोध्या में बुधवार शाम को बने रिकॉर्ड की घोषणा की गई।

रामलला की नगरी अयोध्या में एक घंटे के अंदर बने दोनों विश्व रिकॉर्ड

बुधवार शाम को 6 बजकर 20 मिनट पर पुण्य सलिला सरयू की महाआरती शुरू हुई। सरयू आरती में लगभग आधे घंटे का समय लगा। उसके बाद दीप प्रज्वलन शुरू हुआ। दीपों का महाकुंभ व सरयू की महाआरती दोनों विश्व रिकॉर्ड एक ही आयोजन में एक घंटे के अंदर बने।

यूं तो यहां का दीपोत्सव वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान पहले ही बना चुका है, बुधवार को एक साथ दो विश्व कीर्तिमान गढ़ कर पूरे विश्व में अपनी तरह का पहला सांस्कृतिक आयोजन बना है। इसमें 1121 बटुकों ने एक साथ सरयू आरती कर विश्व कीर्तिमान रचा। इसकी घोषणा गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने की है।

सरयू तट पर 16 खंडों में बंटे अर्चकों ने एक साथ मोक्षदायिनी की आरती कर इतिहास रचा। प्रत्येक खंड में एक मुख्य अर्चक रहा और 100-100 की संख्या में भक्त आरती करते दिखे।

एक रंग के परिधान पीली साड़ी पहने 500 से अधिक महिलाएं भी महाआरती में शामिल होकर विश्व रिकॉर्ड की साक्षी बनीं। महाआरती से डेढ़ किलोमीटर परिधि का सरयू तट दिव्य आभा से प्रकाशमान हो उठा।

अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सीएम योगी ने सरयू तट पर की आरती और रामलला के आगे हुए नतमस्तक।
अयोध्या में दीपोत्सव के दौरान सीएम योगी ने सरयू तट पर की आरती और रामलला के आगे हुए नतमस्तक।

दीयों की दीप्ति से अयोध्या के दीपोत्सव में इतराती दिखीं सरयू, दैदीप्यमान हो उठे सारे घाट…

अयोध्या में सरयू तट पर बुधवार शाम एक ओर दीयों की दीप्ति से रामकी पैड़ी, भजन संध्या स्थल और चौधरी चरण सिंह घाट आलोकित रहा तो दूसरी ओर सरयू माता भी। एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 16 सौ श्रद्धावनत भक्त मां सरयू की आरती में आबद्ध रहे।

अपनी तरह के पहले आयोजन पर एक साथ दो विश्व कीर्तिमान बना कर सरयू माता इतराती और गौरवान्वित होती प्रतीत हुईं। राम की पैड़ी, चौधरी चरण सिंह घाट और भजन संध्या स्थल पर एक साथ 25 लाख 12 हजार 585 दीये रोशन हुए। 35 मिनट में यह रिकॉर्ड बना।

इसके पहले केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, सीएम योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और महाआरती के संयोजक महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी की मौजूदगी में 1600 साधु-संत, वेदाचार्य व अर्चकों ने पुण्य सलिला सरयू की महाआरती की।

पहली बार 1121 वेदाचार्यों ने एक साथ सरयू मैया की आरती की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार शाम अविरल सरयू तीरे बने घाट पर मैया की आरती की।

1121 वेदाचार्य एक ही रंग के परिधान में एक स्वर में सरयू मैया की आरती करते रहे। इसमें एक तरफ जहां आध्यात्मिकता  का रंग था, वहीं दूसरी तरफ यह अनूठा आयोजन जनमानस में योगी सरकार की छवि को और निखार रहा था।

दीपोत्सव के समय बुधवार शाम अयोध्या में सरयू तट का एरियल व्यू
दीपोत्सव के समय बुधवार शाम अयोध्या में सरयू तट का एरियल व्यू

अयोध्दीया दीपोत्सव 2024 के उल्लास में डूबे अयोध्या पहुंचे संत, बोले – ऐसा लगा फिर लौट आया त्रेता युग

अयोध्या में बुधवार शाम रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहले दीपोत्सव पर रामनगरी के संत-महंत खासतौर पर उल्लासित रहे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा मानो फिर से त्रेता युग लौट आया हो। इस पर्व को उन्होंने आस्था और श्रद्धा निवेदित करने का अद्वितीय अवसर बताया। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के योगदान की सराहना भी की।

संत समाज ने उत्तर प्रदेश के योगी आदित्यनाथ सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि श्रीरामलला के पुनः अपने महल में विराजमान होने का यह दिव्य अवसर सरकार के प्रयासों का ही परिणाम है। संतों का कहना है कि केंद्र और प्रदेश सरकार ने अयोध्या की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को फिर से संजीवित किया है। इससे संपूर्ण संत समाज में प्रसन्नता है।

दशरथ महल के महंत बिंदु गद्याचार्य स्वामी देवेंद्र प्रसादाचार्य ने दीपोत्सव को सनातन धर्म की धरोहर बताया। उन्होंने कहा कि दीपावली और दीपोत्सव सनातन धर्म का आधार है। इस बार का दीपोत्सव विशेष है क्योंकि प्रभु श्रीराम का अयोध्या में अपने धाम में पुनः आगमन हुआ है। यह दीपोत्सव प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था और श्रद्धा व्यक्त करने का विशेष अवसर है।

इससे संतजन हर्षित और पुलकित हैं। आज अयोध्या वही दृश्य फिर से प्रस्तुत कर रही है, जो त्रेता युग में श्रीराम के आगमन पर देखने को मिला था।

चौबुर्जी मंदिर के महंत बृजमोहन दास ने दीपोत्सव को लेकर अपनी रचित पंक्तियों के माध्यम से भावना व्यक्त की। उनका कहना है कि श्रीरामलला के अयोध्या में विराजमान होने से न केवल संत समाज, बल्कि अयोध्या की पूरी जनता गर्वित है और इस दीपोत्सव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही है।

बधाई भवन मंदिर के महंत राजीव लोचन शरण महाराज ने कहा कि त्रेता युग में श्रीराम के अयोध्या आगमन पर जो दिव्य दृश्य था, वह आज पुनः हमारे सामने है। हम संतजन इस ऐतिहासिक क्षण को देखकर हर्षित हैं।

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