दुनिया के महान फुटबॉलर्स में शुमार पेले ने 82 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया है. पेले की बेटी केली नैसिमेंटो ने इंस्टाग्राम के जरिए उनके निधन की जानकारी साझा की. कोलन कैंसर की वजह से साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन हॉस्पिटल में महान फुटबॉलर पेले का देहांत हो गया.

साओ पाउलो के अल्बर्ट आइंस्टीन अस्पताल के बयान के अनुसार, कोलन कैंसर के कारण गुरुवार को पेले के कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया जिस वजह से उनका निधन हुआ. पेले को पिछले महीने श्वसन संक्रमण और पेट के कैंसर से संबंधित जटिलताओं के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अस्पताल की और से कहा गया था कि कैंसर बढ़ने के साथ उनका स्वास्थ्य बिगड़ रहा है तब से ही अनहोनी की आशंकाएं फैन्स के मन में उठ रहीं थी.
गरीबी से निकला पेले, जो बन गया फुटबॉल का सबसे बड़ा मसीहा
उनके कैरियर की खास बात यह रही है कि पेले ने एक समय बेहद कमजोर माने जाने वाली ब्राजील को तीन बार वर्ल्ड चैम्पियन बनाया था और पेले ने अपने प्रोफेशनल करियर में हजार से ज्यादा गोल दागे. पेले ने अपने करियर में ब्राजील के लिए कुल तीन बार विश्व चैम्पियन बने. लेकिन उनकी विरासत ट्रॉफी कैबिनेट और गोल स्कोरिंग रिकॉर्ड से और भी काफी आगे तक आगे तक फैली.
आम तौर पर फॉर्वर्ड पोजीशन पर खेलने वाले पेले को दुनिया का सबसे महान फुटबॉलर कहना कहीं से भी गलत नहीं होगा. ऐसे खिलाड़ी सदियों में शायद ही पैदा होते हैं. पेले को ब्लैक पर्ल, किंग ऑफ फुटबॉल, किंग पेले जैसे कई सारे निकनेम भी मिले. महंगे फुटबॉलर्स की जब भी बात होती थी
तो पेले का नाम सबसे ऊपर आता था.
23 अक्टूबर सन 1940 को ब्राजील के मिनास गेराइस में महान फुटबॉलर पेले का हुआ जन्म
23 अक्टूबर सन 1940 को ब्राजील के मिनास गेराइस में
पेले का जन्म हुआ. पेले अपने मां-बाप की दो संतानों में
सबसे बड़े बेटे थे. पिता डोनडिन्हो भी क्लब लेवल
फुटबॉल खिलाड़ी थे. इस दिग्गज फुटबॉलर का निकनेम डिको था,
चंत स्थानीय फुटबॉल क्लब के एक गोलकीपर बिले की वजह से
वह पेले के नाम से मशहूर होने लगे. बचपन में डिको यानी कि
पेले को कई मुकाबलों में गोलकीपर की भूमिका भी निभानी
पड़ती थी. जब वे शानदार बचाव करते थे, तो उन्हें फैन्स
दूसरा बिले कहते थे. समय के साथ बिले कब पेले में तब्दील हो गया पता ही नहीं चल पाया.
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