गिरिडीह. सिरसिया स्थित कबीर ज्ञान मंदिर में गीता जयंती के अवसर पर आज से दो दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम के पहले दिन ‘सद्गुरु मां ज्ञान’ के द्वारा मंगलाचरण उद्बोधन के साथ सम्पूर्ण गीता का सस्वर अखंड पाठ, आरती, पूजन किया गया। इस बाबत सद्गुरु मां ज्ञान ने कहा, “गीता जयंती के दिव्य अवसर पर पावन गीता ग्रंथ के अखंड पाठ में डुबकी लगाकर व्यक्ति ग्रहदोष, पितृदोष आदि अनेकानेक ताप-दुःखों से मुक्त होकर परम सौभाग्य को प्राप्त कर सकता है।”
दो दिवसीय श्रीमद्भगवद्गीता जयंती का आयोजन
सद्गुरु मां ज्ञान ने आगे कहा, “आज का मानव-जीवन अशांति और अज्ञान का पर्याय बन गया है। ऐसे में गीता वह संजीवनी बूटी है, जो मानव को दहकते दुखों से निकालकर शांति व सुख की ममतालु गोद में समेट लेने की क्षमता रखती है। परम कल्याणकारी कर्तव्य पथ की दर्शिका, अमृतमय प्रेम-भक्ति की संवाहिका और ज्ञान-विज्ञान की शीतल-शांत ज्योत्स्ना की प्रकाशिका है गीता। सही मार्गदर्शिका, तनाव-चिंता खंडिका, बंधन मुक्त कारिणी, कर्मकला प्रदायिनी, सुखमयी प्रेरणा दीपिका एवं सच्ची हमसफर है गीता।”
उन्होंने कहा, श्रीमद्भगवद् गीता के समान कोई ग्रंथ नहीं, गीता ज्ञान के समान कोई पंथ नहीं, गीता वाणी के समान कोई मंत्र नहीं, गीता उपदेश के समान कोई कंत व तंत्र नहीं है। गीता में वह सब कुछ है, जो मानव समुदाय को शांत, सुखी, संतृप्त बना सकता है। पारिवारिक, समाजिक, सांस्कृतिक, व्यवहारिक, आध्यात्मिक समस्त कल्याणकारी पहलू श्रीमद् भगवद्गीता में पूर्णतः प्रकाशित है। इस गीता ज्ञान महायज्ञ में आप सभी श्रद्धालुगण सम्मिलित हो सकते हैं और परम लाभ को प्राप्त कर सुधन्य हो सकते हैं।
नमन नवनीत की रिपोर्ट