रांची. झारखंड का कृषि विभाग सब्जी सहित वन उपज का MSP तय करने की तैयारी कर रहा है। महुआ जैसे वन उपज को कृषि विभाग MSP के दायरे में लाने की चर्चा कर रहा है। हालांकि ये चर्चा प्रारंभिक है। इसकी जानकारी राज्य की कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा के बाद नेपाल हाउस में दी।
वन उपज का तय होगा MSP
मंत्री पद की शपथ लेने के बाद दूसरी मासिक समीक्षा बैठक में शिल्पी नेहा तिर्की ने विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की विस्तार से जानकारी ली। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने योजनाओं को लेकर एक्शन टेकन रिपोर्ट पर चर्चा की। इस दौरान वे VLW के काम को लेकर नाराज दिखी। VLW की नियुक्ति कृषि विभाग के द्वारा की गई है। उनके वेतन का भुगतान भी कृषि विभाग के मद से होता है, लेकिन VLW आवास योजना और मनरेगा के लिए जमीन का काम ज्यादा करता है।
VLW को अब कृषि विभाग के लिए करना होगा काम
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने VLW को कृषि विभाग की योजनाओं के लिए काम करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा है कि बहुत जल्द VLW के लिए एक राज्य स्तरीय सेमिनार का आयोजन कर जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। समीक्षा बैठक के दौरान ये बात भी सामने आई कि जरूरतमंद लाभुकों तक कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजना नहीं पहुंच पा रही है।
18 जनवरी को चान्हो में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला
कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि मांडर और चान्हो में सिंचाई से संबंधित एक भी आवेदन नहीं मिला है। ये हैरान करने वाली बात है। दरअसल, किसानों को विभाग की योजना की सही जानकारी तक नहीं है। मंत्री ने बताया कि 18 जनवरी को चान्हो में प्रमंडल स्तरीय कृषि मेला का आयोजन किया गया है।
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने अधिकारियों को सरकार की योजनाओं को शत प्रतिशत धरातल पर उतारने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं को धरातल पर उतार कर पलायन को रोका जा सकता है। मंत्री ने कहा कि बिरसा ग्राम पाठशाला योजना एक अच्छी योजना है, लेकिन उसका लाभ किसानों को सिर्फ इस लिए नहीं मिल पाया, चूंकि वो सरकारी कागज तक ही सिमट कर रह गई।