रांची: झारखंड में नगर निकाय चुनाव न कराने को लेकर उच्च न्यायालय ने सोमवार को नाराजगी व्यक्त की। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने इसे अवमानना का मामला मानते हुए राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि राज्य सरकार, नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण के लिए ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया के नाम पर चुनाव नहीं रोक सकती है।
सुनवाई के दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने नए वोटर लिस्ट को उपलब्ध कराने में अब तक सहयोग नहीं किया, जबकि राज्य सरकार भी इसमें मदद नहीं कर रही है। इस पर अदालत ने निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करने का निर्देश दिया और मुख्य सचिव को अगली सुनवाई में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा। अगली सुनवाई 16 जनवरी को होगी।
बताया जा रहा है कि राज्य में सभी नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल 2023 में समाप्त हो गया था और चुनाव 27 अप्रैल 2023 तक होने थे, लेकिन ओबीसी आरक्षण के प्रतिशत को तय करने के लिए राज्य सरकार ने ट्रिपल टेस्ट प्रक्रिया की शुरुआत की थी, जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने 4 जनवरी 2024 को रांची नगर निगम की निवर्तमान पार्षद रोशनी खलखो एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए नगर निकाय चुनाव की तिथि तीन हफ्ते में घोषित करने का आदेश दिया था। अदालत ने इसे संवैधानिक और प्रशासनिक असफलता बताते हुए चुनावों में देरी को अनावश्यक बताया।