डिजिटल डेस्क : कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन का सोनिया गांधी ने किया शुभारंभ। मकर संक्रांति के पर्व के बाद वाले दिन बुधवार को देश की पुरानी पार्टी कांग्रेस का मुख्यालय में दिल्ली में नए ठिकाने पर शिफ्ट हो गया है। कांग्रेस के नए मुख्यालय का नाम इंदिरा भवन रखा गया है। बुधवार को इसका शुभारंभ कांग्रेस संसदीय दल नेत्री सोनिया गांधी ने किया।
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उद्घाटन के मौके पर मौसम थोड़ा अलग था। दिल्ली में आज सुबह से घना कोहरा छाया रहा। कांग्रेस के इस नए मुख्यालय का ठिकाना 9A, कोटला रोड है। कांग्रेस के 139 साल के इतिहास में यह एक अहम पड़ाव माना जा रहा है।
दावा किया जा रहा है कि इंदिरा भवन में बुधवार से शुरू हुआ नया मुख्यालय कांग्रेस के कामकाज को और सुचारू बनाने में मदद करेगा। साथ ही, यह युवा पीढ़ी के नेताओं को भी प्रेरित करेगा। कांग्रेस पार्टी को उम्मीद है कि इस नए मुख्यालय से पार्टी को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। यह देखना दिलचस्प होगा कि ‘इंदिरा भवन’ कांग्रेस के भविष्य को कैसे आकार देता है।
नए कांग्रेस मुख्यालय इंदिरा भवन के भवन को जानिए…
नए AICC मुख्यालय का नाम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है,जो कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों के दृष्टिकोण को बनाए रखने के निरंतर मिशन का प्रतीक है।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि महात्मा गांधी,जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे दिग्गजों के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व करने वाली पार्टी के रूप में,कांग्रेस एक आधुनिक कतांत्रिक और न्यायसंगत भारत के निर्माण के प्रति अपने समर्पण में दृढ़ रही है।
इंदिरा गांधी भवन को पार्टी और उसके नेताओं की उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें प्रशासनिक, संगठनात्मक और रणनीतिक गतिविधियों का समर्थन करने के लिए आधुनिक सुविधाएं हैं।

इंदिरा भवन के शुभारंभ पर कांग्रेस के ये नेता रहे मौजूद…
कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन के शुभारंभ के मौके पर कांग्रेस के कुल 400 बड़े नेता मौजूद थे। सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, रायबरेली सांसद राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, पूर्व मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और सांसदों समेत कई बड़े नेता इस मौके पर मौजूद थे। पूरी इमारत में तस्वीरों के जरिए कांग्रेस के इतिहास को उकेरा गया है।
इन तस्वीरों में गांधी परिवार से अनबन वाले, कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं को भी जगह दी गई है। इनमें नरसिम्हा राव, सीताराम केसरी, प्रणब मुखर्जी और गुलाम नबी आजाद सरीखे नेता शामिल हैं।

नए कांग्रेस मुख्यालय में प्रियंका गांधी की भूमिका पर राजीव शुक्ला ने कहा कि – ‘हर चीज प्रियंका जी ने तय की है, ये सही है। उन्होंने इस दफ्तर की हर चीज को अंतिम रूप दिया है। …(गांधी परिवार विरोधी और कांग्रेस छोड़कर गए गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं की भवन में तस्वीर के संदर्भ में बोलते हुए…) …हां ये सही है। हमने कांग्रेस का इतिहास भवन में तस्वीरों के ज़रिए दिखाया है। हम छोटे दिल से काम नहीं करते’।
इसी कड़ी में नए कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि –‘ 24 अकबर रोड कार्यालय ऐतिहासिक था और ऐतिहासिक रहेगा। उस कार्यालय ने हमें 4 प्रधानमंत्री दिए। हम 24 साल तक सत्ता में और 22 साल तक विपक्ष में रहे। कांग्रेस पार्टी और देश दोनों को उस कार्यालय से बहुत कुछ मिला है।हम बहुत उत्साह के साथ इस नए मुख्यालय ‘इंदिरा भवन’ में शिफ्ट हो रहे हैं’।

कांग्रेस के नए मुख्यालय के शुभारंभ होते ही नाम को लेकर विवाद भी चर्चा में…
बुधवार को कांग्रेस के नए मुख्यालय का सोनिया गांधी के द्वारा उद्घाटन किए जाने बाद मुख्यालय भवन के नाम को लेकर कुछ देर के लिए विवाद की स्थिति देखी गई। ‘इंदिरा भवन’ के साथ-साथ इसे ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ भी कहा जा रहा है, जिसके पोस्टर भी वहां देखे गए।
बताया जा रहा है कि कार्यालय का नाम ‘इंदिरा भवन’ रखा गया है, लेकिन इसके पहले ही वहां कुछ कार्यकर्ताओं ने यहां ‘सरदार मनमोहन सिंह भवन’ के पोस्टर लगा दिए। इसी से इस कार्यालय के नाम को लेकर एक नया विवाद छेड़ दिया है।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता अनिल शास्त्री ने कहा कि – ‘2009 में पीएम मनमोहन सिंह के रहते ही इस भवन का नाम इंदिरा भवन तय हो गया था। बाकी तो ये भाजपा के दुष्प्रचार का एक और उदाहरण है’।