प्रो. साकेत कुशवाहा बने लद्दाख यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर

वाराणसी : प्रो. साकेत कुशवाहा बने लद्दाख यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर। प्रमुख कृषि अर्थशास्त्री प्रो. साकेत कुशवाहा लद्दाख यूनिवर्सिटी के नए वाइस चांसलर बनाए गए हैं। वाराणसी के काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के कृषि संस्थान के कृषि अर्थशास्त्र विभाग में बतौर वरिष्ठ प्रोफेसर कार्यरत प्रो. साकेत कुशवाहा ने लद्दाख पहुंचकर लद्दाख यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर के रूप में कार्यभार ग्रहण भी कर लिया है।

अपने संदेश में प्रो. कुशवाहा ने लद्दाख यूनिवर्सिटी को अध्ययनरत विद्यार्थियों एवं अध्यापनरत प्राध्यापकों के साथ गैर-शैक्षणिक स्टॉफ के समन्वित सहयोग से नए शिक्षा मानक स्थापित करने की दिशा में पूरे उत्साह से जुटने के संकल्प लिया।

बिहार – झारखंड से प्रो. साकेत कुशवाहा का नाता…

देश के चुनिंदा वरिष्ठ कृषि अर्थशास्त्रियों में शुमार प्रो. साकेत कुशवाहा का वाराणसी और बीएचयू के साथ ही बिहार और उससे अलग होकर बने झारखंड से गहरा नाता रहा है। प्रो. साकेत कुशवाहा स्वयं बिहार के मिथिलांचल के प्रमुख विश्वविद्यालय में बतौर वाइस चांसलर पूरे कार्यकाल कार्यरत रहे।

बीएचयू के कृषि संस्थान के कृषि अर्थशास्त्र विभागाध्यक्ष रहने के उपरांत आगे वह बिहार के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर नियुक्त हुए थे। बिहार से अलग होकर बने झारखंड के रांची यूनिवर्सिटी में इनके पिता प्रो. सुरेंद्र सिंह कुशवाहा वाइस चांसलर रहे थे।

लद्दाख यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की कार्यभार ग्रहण करने के दौरान प्रो. साकेत कुशवाहा।
लद्दाख यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर की कार्यभार ग्रहण करने के दौरान प्रो. साकेत कुशवाहा।

अरूणाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय में भी वीसी रहे प्रो. साकेत कुशवाहा

वरिष्ठ अर्थशास्त्री प्रो. साकेत कुशवाहा छह वर्षों तक अरूणाचल प्रदेश के केंद्रीय विश्वविद्यालय राजीव गांधी विश्वविद्यालय में भी वाइस चांसलर के रूप में कार्यरत रहे। बीते अक्तूबर माह में राजीव गांधी विश्वविद्यालय बतौर वाइस चांसलर उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद वापस बीएचयू के कृषि संस्थान में अपनी सेवाएं जारी रखीं।

राजीव गांधी विश्वविद्यालय में प्रो. साकेत कुशवाहा के कार्यकाल  (2018-2024) के दौरान, विश्वविद्यालय ने छात्र नामांकन और प्रगति में उल्लेखनीय वृद्धि देखी। साथ ही मिशन-संचालित संकाय भर्ती और विकास भी राजीव गांधी विश्वविद्यालय ने प्रो. कुशवाहा के कार्यकाल में देखा।

प्रो. कुशवाहा ने राजीव गांधी विश्वविद्यालय में एक गतिशील कार्य संस्कृति को बढ़ावा दिया था एवं एक स्वागत योग्य, सुरक्षित परिसर वातावरण बनाया है। प्रो. साकेत कुशवाहा की रणनीतिक पहलों ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग और सक्रिय प्रतिनिधित्व के माध्यम से राजीव गांधी विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयां मिलीं।

बीएचयू में प्रो. साकेत कुशवाहा को लद्दाख यूनिवर्सिटी का वीसी बनने पर बधाई देते बीएचयू के साथी प्राध्यापक।
बीएचयू में प्रो. साकेत कुशवाहा को लद्दाख यूनिवर्सिटी का वीसी बनने पर बधाई देते बीएचयू के साथी प्राध्यापक।

गहरे शैक्षणिक पृष्ठभूमिक से आते हैं कृषि अर्थशास्त्री प्रो. साकेत कुशवाहा…

बीएचयू से बिहार और अरूणाचल प्रदेश होकर अब लद्दाख यूनिवर्सिटी पहुंचे वहां के नए वाइस चांसलर प्रो. साकेत कुशवाहा गहरे शैक्षणिक पृष्ठभूमि एवं परिवार से आते हैं।

प्रो. साकेत कुशवाहा के पिता प्रो. सुरेंद्र सिंह कुशवाहा बीएचयू में भौतिकी विभाग के प्राध्यापक रहे एवं बाद में रांची यूनिवर्सिटी एवं वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के वाइस चांसलर भी बने।

प्रो. साकेत कुशवाहा की बहन प्रो. निर्मला एस. मौर्या यूपी के ही जौनपुर स्थित वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में पहली महिला वाइस चांसलर रहीं। प्रो. निर्मला एस. मौर्या ने जौनपुर में वर्ष 2020 से वर्ष 2023 तक वाइस चांसलर के रूप में कार्य किया।

स्वयं प्रो. साकेत कुशवाहा ने बीएचयू में ही कृषि अर्थशास्त्र से बीएससी, एमएससी और पीएचडी किया एवं बाद में बीएचयू के कृषि संस्थान में बतौर कृषि अर्थशास्त्र के प्राध्यापक के रूप में काम करना शुरू किया। लद्दाख रवाना होने से पहले बीएचयू में कृषि संस्थान एवं कृषि अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र कमलवंशी के संयोजकत्व में प्रो. साकेत कुशवाहा का अभिनंदन किया गया।

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