डिजिटल डेस्क : Typhoid का पहला Vaccine भारत ने किया तैयार, शुरू होगा परीक्षण। चिकित्सा एवं औषधि अनुसंधान के क्षेत्र में भारत को अहम सफलता हाथ लगी है। भारत ने दुनिया में पहली बार Typhoid के सफल Vaccine को तैयार किया है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारतीय वैज्ञानिकों की इस उपलब्धि की घोषणा की है।
ICMR के मुताबिक, पश्चिम बंगाल स्थित राष्ट्रीय जीवाणु संक्रमण अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने इस Vaccine को तैयार किया है। इस Vaccine के जरिये साल्मोनेला टाइफी और सालमोनेला पैराटाइफी-ए दोनों ही तरह के संक्रमण से बचाव का दावा किया गया है। इस Vaccine के बारे में बताया जा रहा है कि यह दुनिया का पहला मिश्रित Vaccine है।
Typhoid का अभी तक कोई लाइसेंसी Vaccine नहीं…
जानकारी देते हुए ICMR ने बताया कि Typhoid से बचाव के लिए अभी तक बाजार में कुछ Vaccine उपलब्ध हैं। इनमें वीआई पॉलीसेकेराइड वैक्सीन और टाइफाइड कंजुगेट वैक्सीन (टीसीवी) शामिल हैं, जो मुख्य रूप से साल्मोनेला टाइफी को ही लक्षित करते हैं जबकि सालमोनेला पैराटाइफी-ए संक्रमण के खिलाफ यह सुरक्षा प्रदान नहीं करते।
अभी तक ऐसा कोई लाइसेंस प्राप्त मिश्रित Vaccine नहीं है जो दोनों रोगजनकों के खिलाफ एक साथ लोगों की सुरक्षा कर सके। ICMR ने बताया कि आगामी समय में इस Vaccine का सबसे बड़ा लाभ उन क्षेत्रों में दिखाई देगा, जहां बीमारी काफी फैली है। यहां की स्थानीय आबादी को बचाने के लिए इस Vaccine की मदद ली जा सकती है।
स्थानीय क्षेत्रों में इसे राष्ट्रीय टीकाकरण (Vaccination) कार्यक्रम में शामिल किया जा सकता है। साथ ही इन क्षेत्रों का दौरा करने वाले बाहरी लोगों को भी इसकी खुराक दी जा सकती है जिससे दूसरे क्षेत्र की आबादी की सुरक्षा की जा सके।
![Typhoid बुखार का सांकेतिक चित्र](https://i0.wp.com/22scope.com/wp-content/uploads/2025/02/%E0%A4%9F%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%87%E0%A4%A1-%E0%A4%95%E0%A4%BE-%E0%A4%B8%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%95%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%95-%E0%A4%9A%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A5%8D%E0%A4%B0.jpg?resize=459%2C309&ssl=1)
Typhoid के इस Vaccine से भारत के साथ ही दुनिया को भी होगा लाभ
ICMR का कहना है कि इस Vaccine के व्यापक उपयोग से भारत सहित पूरी दुनिया में आंत्र ज्वर (Typhoid बुखार) की घटनाओं में काफी कमी आ सकती है। साथ ही संक्रमण को रोकने से एंटीबायोटिक दवाओं पर निर्भरता कम होगी। इसके अलावा एमडीआर और एक्सडीआर साल्मोनेला उपभेदों का प्रसार धीमा हो जाएगा।
इसका सबसे बड़ा आर्थिक लाभ यह होगा कि बीमारी की कम घटनाओं से उपचार, अस्पताल में भर्ती होने और उत्पादकता में कमी से जुड़ी स्वास्थ्य देखभाल लागत में कमी आएगी। ICMR ने बताया कि इस Vaccine को तैयार करने के क्रम में कई शोध-परीक्षण हुए।
सकारात्मक परिणाम वाले परीक्षण में वयस्क चूहों को जब इस द्विसंयोजक ओएमवी-आधारित इम्युनोजेन Vaccine की तीन खुराक मौखिक रूप से दी गई तो उनमें पर्याप्त एंटीबॉडी विकसित हुई। उसने प्रतिरक्षित चूहों की प्लीहा में विशिष्ट प्रतिरक्षा कोशिका आबादी जैसे सीडी 4, सीडी 8 और सीडी 19 को सक्रिय किया।
इसके अलावा Vaccine ने टीएच 1 और टीएच17 कोशिका-मध्यस्थता प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी बूस्ट किया। इस Vaccination ने वयस्क चूहों के मॉडल में साल्मोनेला के अलग अलग स्ट्रेन के खिलाफ सुरक्षा प्रदान की है। साथ ही बैक्टीरिया की गतिशीलता और म्यूसिन परतों में प्रवेश करने की क्षमता को काफी हद तक बाधित कर दिया।
टीबी संक्रमण की तुलना में काफी अधिक है Typhoid वाला संक्रमण…
पूरा ब्योरा देते हुए ICMR ने बताया कि अपने देश में हर साल एक करोड़ से ज्यादा Typhoid के मामले सामने आ रहे हैं। भारत में 10 लाख की आबादी पर औसतन 399.2 Typhoid के संक्रमण वाले मामले हर साल मिल रहे हैं, जो टीबी संक्रमण की तुलना में काफी अधिक है।
साल्मोनेला टाइफी और सालमोनेला पैराटाइफी-ए दोनों के कारण होने वाला आंत्र ज्वर भारत में चिंता का विषय है। वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक Typhoid रोगियों के मामले में भारत शीर्ष पर है।
भारत में साल्मोनेला टाइफी और सालमोनेला पैराटाइफी ए दोनों ही स्ट्रेन के मामले हर साल काफी संख्या में सामने आ रहे हैं। ICMR ने यह भी बताया कि आगामी दिनों में देश के अलग अलग हिस्सों में इस टीका पर परीक्षण शुरू होंगे।