Tuesday, September 9, 2025

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विश्व जल दिवस पर CM Yogi-नितिन गडकरी ने दी शुभकामनाएं

डिजिटल डेस्क : विश्व जल दिवस पर CM Yogi-नितिन गडकरी ने दी शुभकामनाएं। विश्व जल दिवस पर शनिवार की सुबह ही यूपी के CM Yogi आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लोगों को शुभकामना संदेश जारी किया है। इस बार विश्व जल दिवस 2025 की थीम ‘ ग्लेशियर संरक्षण ‘ है।

विश्व जल दिवस के मौके पर पानी की कमी को दूर करने के लिए जल संरक्षण के प्रभावी तरीकों पर वैश्विक स्तर पर मंथन हो रहा है। पानी का मोल प्यास लगने पर ही पता चलता है।

वर्तमान में इस अनमोल प्राकृतिक संसाधन की प्रचुर मात्रा के चलते प्यास के इस मोल का पता नहीं चल रहा है, लेकिन सोचिए कुछ साल दशक बाद जब यह पानी नहीं रहेगा तो आपका गला तर कैसे होगा।

उस आशंकित समय में भी आपकी प्यास बुझ सके, इसलिए पूरी दुनिया में पानी की बूंद-बूंद बचाने और इसके किफायती इस्तेमाल को बढ़ावा देने की गुहार कई मंचों से लगाई जा रही है।

CM Yogi का विश्व जल दिवस पर संदेश…

अपने संदेश में सीएम योगी ने सोशल मीडिया हैंडल X पर कहा कि – ‘विश्व जल दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं! …आइए, जीवनदायी जल के संरक्षण का संकल्प लें तथा एक स्वच्छ व समृद्ध भविष्य की ओर कदम बढ़ाएं।’

जल ही जीवन है, जल है तो कल है…ये नारा सभी ने सुना होगा। लेकिन ये सिर्फ नारा मात्र नहीं है, बल्कि सच्चाई भी यही है। दुनिया में सिर्फ तीन फीसदी से कम ताजे पानी के स्त्रोत हैं और यह आंकड़ा कम ही होता जा रहा है।

तेजी से जनसंख्या वृद्धि, शहरीकरण, कृषि उद्योग और ऊर्जा सहित कई क्षेत्रों में पानी की बढ़ती जरूरत के कारण जल की मांग बढ़ती जा रही है। हालांकि जलवायु परिवर्तन, वर्षा के बदलने के पैटर्न और मौसम संबंधित घटनाओं के कारण पानी की कमी भी बढ़ रही है।

विश्व पानी के संकट से जूझ रहा है। इसके कारण भविष्य खतरे में पड़ सकता है। जल संरक्षण के उद्देश्य से हर साल 22 मार्च को विश्व जल दिवस मनाया जाता है।

विश्व जल दिवस पर नितिन गडकरी का संदेश
विश्व जल दिवस पर नितिन गडकरी का संदेश

विश्व जल दिवस केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का संदेश…

विश्व जल दिवस पर शनिवार को जारी अपने संदेश में अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी संदेश जारी किया है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि – ‘…इस विश्व जल दिवस के अवसर पर जल शक्ति का संचय करने के साथ साथ जलवायु प्रणाली और जल चक्र में बर्फ, हिम और ग्लेशियरों के महत्व और पृथ्वी के क्रायोस्फीयर में इन परिवर्तनों के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय परिणामों को अधोरेखित करें और इनके अध्ययन के लिए औरों को भी प्रोत्साहित करें।

…साथ ही जल शक्ति के संचय के लिए आओ दौड़ने वाले पानी को चलने के लिए लगाए, चलने वाले पानी को रुकने के लिए लगाए और रुके हुए पानी को जमीन को पीने के लिए लगाएं।’

विश्व जल दिवस जल संरक्षण के लिए घरेलू तरीकों पर चर्चा वैश्विक स्तर पर हो रही है। इनमें भारत में प्रचलित घरेलू तरीके भी शामिल हैं।

इसके तहत लोगों से अपील की जा रही है कि वाॅशिंग मशीन पूरी क्षमता से चलाएं एवं नल में अगर लीक है या नल में पानी का प्रवाह अधिक तेज हैं तो उसे ठीक करें। साथ ही सुबह ब्रश करते वक्त पानी बंद रखें। इसके अलावा जब शेविंग कर रहे हों तो नल से पानी बहते न रहने दें। घरेलू स्तर पर सोख्ता गड्ढा बनाएं।

यूपी में जल संकट के मद्देनजर जल संरक्षण के समाधानों पर चर्चा

दुनिया भर में 22 मार्च को विश्व जल दिवस का भी आयोजन किया जाता है। इस बार इस आयोजन की थीम है ‘ग्लेशियर संरक्षण’। आपको जानकर ताज्जुब होगा कि दुनिया भर में पेय जल का 70 प्रतिशत हिस्सा इन्हीं ग्लेशियरों में संरक्षित है।

विश्व जल संरक्षण दिवस के मौके पर हो रहे सेमिनारों में लोगों को पानी का महत्व याद दिलाया जा रहा है। जमीनी सच्चाई यही है कि शहर हो या गांव हर घर में बिना रोक-टोक सबमर्सिबल पंप लग रहे हैं। कोई लोग रोज घंटों अपनी कार धो रहे हैं, तो कहीं सड़क की धूल पेयजल से साफ की जा रही है।

धरती की गगरी को खाली कर के पानी माफिया जल का व्यापार कर रहे हैं। एक ओर तो पानी की बर्बादी के नजारे आम हैं, तो दूसरी ओर दूरदराज से पानी लाने का संघर्ष भी नजर आ रहा है। नलकूप, कुएं और जलाशय सूख रहे हैं।

ऐसे में जिन माध्यमों से जल बचा सकते हैं, उसके तरीके पर चर्चा होने लगी है। जल बचाने का समाधान क्या है‍ं? इस पर विमर्श हो रहा है। सामान्य तौर पर हर समस्या पर चर्चा करके उसका समाधान तलाशा जाता है। नल को बंद रखकर बेवजह पानी बर्बाद नहीं करना चाहिए, ये बात अपने बच्चे के साथ ही अन्य लोगों को समझाएं।

ऐसे लोगों का उदाहरण तलाश करें जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के तरीकों पर काम कर रहे हैं। इस बारे में बात किया जाना जरूरी है कि एक परिवार के रूप में आप क्या कदम उठा रहे हैं, जैसे अपने घर में कचरा कम करना, पानी बचाना, रीसाइक्लिंग करना या बेवजह लाइट्स और उपकरणों को बंद करना। इससे इस विचार को सुदृढ़ करने में मदद मिलती है कि जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद के लिए हर कोई कुछ न कुछ कर सकता है।

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