रांची : पलामू में थानेदार लालजी यादव आत्महत्या का मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है. इस बीच पूर्व राजद प्रदेश उपाध्यक्ष श्याम दास सिंह ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. साथ ही उन्होंने एसपी और डीटीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी मांग की है.
राजद के प्रदेश कार्यालय में मौजूद युवा राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रंजन यादव ने कहा कि, एक साजिश के तहत लालजी यादव को परेशान किया गया और फिर उनकी संदिग्ध स्थिति में मौत हो गई. इस पूरे मामले की रिटायर्ड जज की निगरानी में सीबीआई जांच कराई जाए.
निलंबन के चार दिन बाद दारोगा ने की आत्महत्या
गौरतलब है कि पलामू जिले के नावाबाजार थाने के दारोगा लालजी यादव ने अपने सस्पेंशन के चार दिन बाद 10 जनवरी (सोमवार) की रात थाना परिसर में आत्महत्या कर ली. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस उपमहानिरीक्षक राजकुमार लकड़ा व एसपी चंदन सिन्हा थाने में पहुंचे और कारणों की जांच शुरू की. इधर, आस-पास के लोग थाने के बाहर जमा हो गए और सस्पेंशन ऑर्डर जारी करने वाले एसपी सिन्हा के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. लोगों ने घंटों सड़क जाम रखा. कमरे से सुसाइड नोट भी नहीं मिला है. मूल रूप से साहिबगंज के रहनेवाले लालजी अपने पीछे पत्नी पूजा, दो छोटे बच्चे छोड़ गए हैं.
क्यों हुआ था सस्पेंशन
5 जनवरी की रात पलामू के परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन ने एसपी सिन्हा से शिकायत की थी कि जब्त वाहनों को नावाबाजार के थाना प्रभारी लालजी यादव नहीं ले रहे हैं. एसपी ने दारोगा लालजी को सहयोग का निर्देश दिया. फिर भी उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके बाद एसपी ने छह जनवरी को दारोगा लालजी को सस्पेंड कर दिया.
रिपोर्ट: शाहनवाज
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