रांची: अब रसोई गैस सिलिंडर की डिलिवरी बिना डैक (Delivery Authentication Code) कोड के नहीं मिलेगी। गैस कंपनियों ने 15 जून से इसे अनिवार्य कर दिया है और सभी एजेंसियों को इसका सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है। इस कदम का मकसद गैस सिलिंडर की चोरी और फर्जी डिलिवरी पर लगाम लगाना है।
Highlights
डैक कोड एक चार अंकों का सुरक्षा कोड होता है जो गैस बुकिंग के बाद उपभोक्ता के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। जब डिलिवरी वेंडर सिलिंडर लेकर घर आता है, तो ग्राहक को यह कोड बताना होगा, तभी सिलिंडर दिया जाएगा।
मोबाइल नंबर और केवाइसी जरूरी
जिन उपभोक्ताओं के मोबाइल नंबर अब तक अपडेट नहीं हैं, उन्हें अपने संबंधित गैस एजेंसी शोरूम में जाकर मोबाइल नंबर अपडेट कराना होगा। वहीं जिन ग्राहकों ने अब तक केवाइसी (KYC) नहीं कराया है, उन्हें जल्द से जल्द यह प्रक्रिया पूरी करने की सलाह दी गई है। मोबाइल नंबर अपडेट होने के बाद ही डैक कोड मिल सकेगा।
क्या होगा फायदा?
इस नई व्यवस्था से सिर्फ वास्तविक ग्राहकों को ही सिलिंडर मिल पाएगा। कोई वेंडर या गैस एजेंसी का कर्मचारी बिना कोड के किसी अन्य को सिलिंडर नहीं दे सकेगा। पहले कई बार बिना कोड के भी सिलिंडर डिलिवर कर दिए जाते थे, जिससे गड़बड़ी की आशंका बनी रहती थी। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
क्या है डैक कोड?
डैक कोड (DAC) एक चार अंकों का कोड है जो रसोई गैस की बुकिंग के बाद पंजीकृत मोबाइल नंबर पर आता है। गैस डिलिवरी के समय उपभोक्ता को यह कोड बताना अनिवार्य होगा, तभी उसे गैस सिलिंडर मिलेगा।