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Saturday, October 4, 2025

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Hazaribagh : हिम्मत ना तोड़ हार मत मान, जिद ने दिला दी सरकारी नौकरी, पिछले बार एक नंबर से पिछड़े…

Hazaribagh : सफलता कभी आसान नहीं होती, लेकिन अगर इरादे मजबूत हों तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है चतरा जिले के गिद्धौर प्रखंड निवासी विश्वजीत कुमार ने, जिन्होंने जेपीएससी 2025 परीक्षा में 214वां स्थान हासिल कर राज्य की वित्त सेवा में चयन प्राप्त किया है।

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Hazaribagh : साधारण किसान परिवार से आते हैं विश्वजीत

विश्वजीत एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता कृषक हैं और माता एक गृहणी। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपनी पढ़ाई को कभी रुकने नहीं दिया और निरंतर लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे। लेकिन इस राह में सबसे बड़ा झटका उन्हें पिछले जेपीएससी परीक्षा में लगा, जब वह सिर्फ एक अंक से चयन से चूक गए। यह उनके लिए भावनात्मक रूप से बहुत कठिन समय था और वे कुछ समय के लिए डिप्रेशन में चले गए।

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हालांकि, यहां से शुरू होती है उनके संघर्ष और आत्मबल की असली कहानी। उन्होंने ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के मेडिटेशन प्रोग्राम से जुड़कर मानसिक शांति पाई और खुद को दोबारा तैयार किया। मेडिटेशन ने न केवल उनका आत्मविश्वास लौटाया, बल्कि उन्हें पढ़ाई में फोकस बनाए रखने में भी मदद की।

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Hazaribagh : असफलता अंतिम नहीं होती

विश्वजीत बताते हैं कि उस कठिन समय में ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाने और आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। उन्होंने ध्यान और नियमित अभ्यास के जरिए अपने भीतर की ऊर्जा को जागृत किया और दोबारा पूरे जोश से जेपीएससी की तैयारी शुरू की।

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इस बार उन्होंने न केवल परीक्षा पास की बल्कि राज्य की प्रतिष्ठित सेवा में स्थान पाकर यह साबित कर दिया कि असफलता अंतिम नहीं होती, बशर्ते हार मानने का नाम न लिया जाए। परिणाम के बाद विश्वजीत के घर में जश्न का माहौल है। माता-पिता और गांव के लोग उनकी इस सफलता पर गर्व महसूस कर रहे हैं। विश्वजीत ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था, और खुद की मेहनत को दिया है।

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उनकी यह कहानी उन हजारों अभ्यर्थियों के लिए प्रेरणा है जो किसी असफलता के बाद हिम्मत हार जाते हैं। विश्वजीत ने यह साबित कर दिखाया कि अगर संकल्प मजबूत हो, तो एक नंबर की हार भी इतिहास बन सकती है।

शशांक शेखर की रिपोर्ट—

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