मोतिहारी का भू-माफिया सुगंध गुप्ता गिरफ्तार, हत्या और धोखाधड़ी समेत कई गंभीर मामले दर्ज
मोतिहारी : Motihari पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए शहर के कुख्यात भू-माफिया सुगंध गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है । (राजद) नेता सुगंध गुप्ता नगर निगम की महापौर प्रीति गुमा के पति देवा गुमा का मित्र है । पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई के बाद न्यायिक हिरासत में मोतिहारी जेल भेज दिया गया है ।

पुलिस अधीक्षक ने बताया संगठित अपराध और गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी बख्शे नही जायेंगे
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्त सुगंध गुप्ता पर भारतीय दंड संहिता (भा०दं०सं०) की कई अति-गंभीर धाराएं लगाई गई हैं । जो उनके अपराध की गंभीरता को दर्शाती है ।
पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात ने स्पष्ट किया है कि संगठित अपराध और गंभीर आपराधिक मामलों में संलिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे उसका राजनीतिक या सामाजिक रसूख कितना भी मजबूत क्यों न हो । यह गिरफ्तारी मोतिहारी में भू-माफियाओं और अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे पुलिस अभियान की एक महत्वपूर्ण कड़ी है।
कई संगीन मामलों में वांछित था आरोपी
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सुगंध गुप्ता का आपराधिक इतिहास बेहद लंबा और गंभीर है, जो उन्हें एक आदतन अपराधी और भू-माफिया के रूप में स्थापित करता है । पुलिस ने अभियुक्त को न्यायिक हिरासत में रखने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया है । पूर्व में दर्ज मामले, हत्या, धोखाधड़ी और दंगा पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अभियुक्त सुगंध गुप्ता पर नगर थाने में पहले से ही कई संगीन आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं, हत्या का प्रयास और आपराधिक षड्यंत्र: नगर थाना कांड संख्या 878/13 (दिनांक 25/11/13) धारा 302 (हत्या) और 120B (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत दर्ज है। यह गंभीर मामला अभी भी ट्रायल के चरण में है।
धोखाधड़ी और लोक स्वास्थ्य को खतरा: उन पर नगर थाना कांड संख्या 84/25 (दिनांक 23/04/25) में धारा 308(4), 208(4), 273(5) और 75(1)/2(क) भा०दं०सं० के साथ-साथ 2(क) BNS के तहत भी केस दर्ज है।
दंगा और बलवा: नगर थाना कांड संख्या 144/20 (दिनांक 14/02/20) में धारा 147, 148, 149 (दंगा, घातक हथियारों से लैस होकर दंगा), 341 (गलत तरीके से रोकना), 323, 337, 338 (चोट पहुँचाना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से अपमान), और 427 (नुकसान पहुँचाना) जैसी धाराएं शामिल हैं। दस्तावेजों को नष्ट करना: नगर थाना कांड संख्या 264/25 (दिनांक 06/05/25) में भी धारा 318(2), 208(4), 226(2), 273(5) और 336(2)/338(3) जैसी धाराएं शामिल हैं, जो सबूत नष्ट करने और न्यायिक प्रक्रियाओं में बाधा डालने के प्रयासों की ओर इशारा करती हैं।
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सोहराब आलम की रिपोर्ट…..
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