Wednesday, October 22, 2025
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Chaibasa: चक्रधरपुर में संथाल समुदाय ने पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया सोहराय पर्व

Chaibasa: पश्चिमी सिंहभूम जिले के विभिन्न क्षेत्रों में संथाल समुदाय द्वारा बुधवार को पारंपरिक महापर्व सोहराय बड़े ही हर्षोल्लास और सांस्कृतिक परंपराओं के साथ मनाया गया। पर्व के अवसर पर संथाल समाज के लोगों ने अपने पशुधन विशेषकर बैल की विधिवत पूजा-अर्चना की तथा उनके प्रति कृतज्ञता प्रकट की।Chaibasa: सांसद जोबा माझी ने की पशुधन की पूजा चक्रधरपुर में पर्व के अवसर पर सिंहभूम की सांसद जोबा माझी ने भी पारंपरिक संथाली पोशाक में सम्मिलित होकर समाज की महिलाओं के साथ पशुधन की पूजा की। उन्होंने पारंपरिक विधि से गाय-बैलों की आरती उतारी और उनके स्वास्थ्य तथा समृद्धि की कामना...

तेजस्वी की झूठी बयानबाजी से जनता नहीं होगी भ्रमित, नीतीश कुमार पर ही भरोसा – JDU

पटना : जनता दल यूनाइटेड (JDU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद, प्रदेश प्रवक्ता नवल शर्मा एवं पार्टी मीडिया पैनलिस्ट महेश दास ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने तेजस्वी यादव पर तीखा हमला बोला और जनता के बीच झूठी बयानबाजी करने का आरोप लगाया। उन्होंने तेजस्वी के उस भ्रामक बयान का भी खंडन किया। जिसमें उन्होंने कहा कि महिला रोजगार योजना के तहत महिलाओं को दी गई 10 हजार की राशि कर्ज है और उसे महिलाओं को वापस लौटाना होगा। तेजस्वी के बयान को झूठा करार देते हुए उन्होंने कहा कि यह राशि राज्य...

जनसंपर्क के दौरान JDU उम्मीदवार चंदेश्वर चंद्रवंशी का विरोध

जहानाबाद : बिहार विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व सांसद और जहानाबाद विधानसभा क्षेत्र से जनता दल यूनाइटेड (JDU) उम्मीदवार चंदेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी को जनसंपर्क अभियान के क्रम में ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा। जहानाबाद में दूसरे चरण 11 नवंबर को मतदान होना है। चंदेश्वर चंद्रवंशी का आज यानी 22 अक्टूबर को रतनी फरीदपुर प्रखंड अंतर्गत पोखमा गांव में जमकर विरोध हुआ। वो अपने पक्ष में वोट मांगने गए थे और प्रचार-प्रसार कर रहे थे। इसी बीच में पोखमा गांव के ग्रामीणों ने उनके सांसद रहते विकास का हिसाब मांगना शुरू कर दिया। पिछले लोकसभा चुनाव में इनको...

Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग: Govardhan Puja, Chitragupt Puja और Bhai Dooj के साथ रांची में गूंजा Sohray उत्सव

झारखंड में गोवर्धन पूजा, चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज 23 अक्टूबर को मनाए जाएंगे। रांची में सोहराई पर्व की धूम, हेहल में जतरा महोत्सव का आयोजन, जानें शुभ मुहूर्त और महत्व।


Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग रांची: दीपावली के बाद गोवर्धन पूजा, चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज तीनों पर्व भारतीय संस्कृति, पारिवारिक मूल्यों और सामाजिक एकता का अद्भुत संगम हैं। ये पर्व केवल धार्मिक नहीं, बल्कि प्रेम, कर्तव्य, न्याय और आभार की भावना को भी उजागर करते हैं।

Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग: गोवर्धन पूजा

इस वर्ष बुधवार, 23 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा मनाई जाएगी। भगवान श्रीकृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा करने की स्मृति में यह पूजा की जाती है। इस दिन अन्नकूट का भोग लगाया जाता है और गाय-गोवंश की पूजा का विशेष महत्व होता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 06:26 से 08:42 और शाम 15:29 से 17:44 तक रहेगा। इस समय पूजा करने से समृद्धि और भगवान श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।


Key Highlights:

  • 23 अक्टूबर को Govardhan Puja, Chitragupt Puja और Bhai Dooj एक साथ मनाए जाएंगे

  • Govardhan Puja का शुभ मुहूर्त सुबह 06:26 से 08:42 और शाम 15:29 से 17:44 तक

  • Chitragupt Puja व Bhai Dooj का अपराह्न मुहूर्त 13:13 से 15:28 तक

  • रांची में Sohray पर्व पर मवेशियों की पूजा, ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक उत्सव

  • हेहल में Sohray Jatra Mahotsav, मंत्री चमरा लिंडा और विधायक नवीन जायसवाल होंगे अतिथि


Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग:  चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज

23 अक्टूबर को ही चित्रगुप्त पूजा और भाई दूज दोनों पर्व मनाए जाएंगे। बंग समुदाय में यह दिन भाई फोटा के रूप में भी मनाया जाता है।
चित्रगुप्त पूजा न्याय और धर्मपालन के देवता भगवान चित्रगुप्त को समर्पित है, जो मनुष्यों के कर्मों का लेखा-जोखा रखते हैं। इस दिन कलम-दवात और लेखन साधनों की पूजा शुभ मानी जाती है।
भाई दूज भाई-बहन के स्नेह और सुरक्षा के बंधन का पर्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इसी दिन यमराज अपनी बहन यमुना से मिलने आए थे। इस दिन बहन द्वारा भाई को तिलक लगाना और आरती उतारना शुभ माना गया है।

Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग: रांची में सोहराई पर्व

रांची और आसपास के क्षेत्रों में मंगलवार को आदिवासी और मूलवासी समुदायों ने सोहराई पर्व बड़े उत्साह से मनाया। पिस्का मोड़, हरमू, धुर्वा, कोकर और बरियातू सहित कई इलाकों में मवेशियों को स्नान कर तेल और सिंदूर लगाया गया, फिर आटे और रंग से पारंपरिक डिज़ाइन बनाए गए
पूजा के बाद मवेशियों को डुंबू, उरद, चना आदि विशेष पकवान खिलाए गए। गांवों में ढोल-नगाड़े बजाकर मवेशियों को घुमाया गया। समाजसेवी शिवा कच्छप ने बताया कि सोहराई इंसान और मवेशियों के आपसी संबंध और कृतज्ञता का पर्व है।

Deepawali के बाद Jharkhand में धार्मिक रंग: हेहल में सोहराई जतरा महोत्सव

बुधवार को हेहल जतरा मैदान में सोहराई जतरा महोत्सव का आयोजन होगा। इसमें एक दर्जन से अधिक गांवों के लोग शामिल होंगे। मुख्य अतिथि के रूप में मंत्री चमरा लिंडा और विशिष्ट अतिथि विधायक नवीन जायसवाल मौजूद रहेंगे। आयोजन की तैयारी समिति के अध्यक्ष अजीत कच्छप और महासचिव दिनेश उरांव के नेतृत्व में की जा रही है।

 

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