Jamtara: जिले के नारायणपुर प्रखंड के मंझलाडीह पंचायत में किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं। धान की फसल में कीड़ा लगने से पूरे इलाके के खेतों में पौधे सूखने लगी है और किसानों की सालभर की मेहनत अब बर्बाद होने की कगार पर है। ग्रामीणों का कहना है कि तीन महीने की कड़ी मेहनत और भारी खर्च के बाद अब फसल धीरे-धीरे नष्ट हो रही है।
फसल सूख रही, बालियां काली पड़ने लगीं:
बारिश से पहले ही कीड़ों का प्रकोप शुरू हो गया था, लेकिन अब हालात और भी गंभीर हो चुके हैं। खेतों में धान की बालियां काली पड़ने लगी हैं और पौधे सड़ रहे हैं। वार्ड सदस्य मुख्तार अंसारी ने बताया कि पूरा मंझलाडीह पंचायत इस समस्या से जूझ रहा है। लगभग हर किसान के खेत में कीड़ा लग चुका है। किसानों की सालभर की मेहनत अब बर्बाद होती दिख रही है।
ट्रैक्टर से खेत जोते, मजदूर लगाए, लेकिन सब बर्बाद:
गांव के बुजुर्ग किसान तोहिद अंसारी ने बताया कि उन्होंने भारी खर्च से खेती की थी, लेकिन कीड़ों के प्रकोप ने सब खत्म कर दिया। ट्रैक्टर से खेत जोते, मजदूर लगाए, लेकिन कीड़े लगने से सारा धान बर्बाद हो गया। अब हमारे पास कुछ नहीं बचा। किसान हाफिजुद्दीन मियां ने कृषि विभाग से गांव में जांच करने और मुआवज़ा देने की मांग की है।
महिला किसानों ने दवा और सहायता की मांग कीः
महिला किसान जाहुरन बीबी ने कहा कि हम लोग इसी खेत के सहारे पूरे साल गुजर-बसर करते हैं, अब सारा सहारा टूट गया। वहीं जहिदा बीबी ने प्रशासन से अपील की कि धान में लगे कीड़ों को खत्म करने के लिए दवा उपलब्ध कराई जाए, ताकि जो फसल बची है, उसे बचाया जा सके।
अभी तक नहीं पहुंचे कृषि विभाग के अधिकारीः
ग्रामीणों का कहना है कि अब तक कृषि विभाग के अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं। किसानों ने प्रशासन से आग्रह किया है कि फसल क्षति का सर्वे कराया जाए और प्रभावित किसानों को मुआवज़ा दिलाया जाए। यह मामला अब गंभीर रूप ले चुका है, क्योंकि सैकड़ों किसान इसी फसल पर निर्भर हैं। फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
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