Delhi– लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय शब्दों के तहत एक नया संकलन तैयार किया है.
इस संकलन में जमुलाजीवी, तानाशाही, लॉलीपॉप, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी,
गुल खिलाए, पिठ्ठू, कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं,
सांड और नौटंकी शब्दों को असंसदीय भाषा की श्रेणी में रखा गया है. अर्थात इन शब्दों के इस्तेमाल को अब असंसदीय अभिव्यक्ति माना जाएगा.
इन शब्दों की सूची और भी लम्बी है, जैसे बॉब कट हेयर, गरियाना, अंट-शंट, उच्चके, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे,
कांव-कांव करना, तलवे चाटना, तड़ीपार, तुर्रम खां ‘कई घाट का पानी पीना, ठेंगा दिखलाना आदि.
इन वाक्यों को भी असंसदीय माना गया
इसके साथ ही कई वाक्यों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है. इसमें ‘आप मेरा समय खराब कर रहे हैं,
हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है और यह चेयर अपने सदस्यों का संरक्षण नहीं कर पा रही है आदि-आदि
अंग्रेजी के इन शब्दों को नहीं हो सकता इस्तेमाल
ऐसा नहीं है कि रोक सिर्फ हिन्दी के शब्दों पर है, अंग्रेजी शब्दों की सूची भी लम्बी है. ‘आई विल कर्स यू’, बिटेन विद शू’, बिट्रेड,
ब्लडशेड, चिटेड, शेडिंग क्रोकोडाइल टियर्स, डंकी, गून्स, माफिया, रबिश, स्नेक चार्मर, टाउट, ट्रेटर, विच डाक्टर आदि शमिल हैं.
लोकसभा सचिवालय : चिल्लाकर वेल में जाना भी असंसदीय
यदि कोई सदस्य अब यह कहता है कि ‘जब आप इस तरह से चिल्ला कर वेल में जाते थे, उस वक्त को याद करूं या
आज जब आप कुर्सी पर बैठें हैं तो इस वक्त को याद करूं’. ऐसे शब्दों को भी असंसदीय माना जाएगा,
इन शब्दों को रिकार्ड का हिस्सा नहीं माना जाएगा.
इन शब्दों के इस्तेमाल पर रोक लगते ही, विपक्ष हमलावर हो गया है. राहुल गांधी , ओवैसी के साथ-साथ
आम आदमी पार्टी ने भी केन्द्र सरकार की आलोचना की है.