धनबाद : पूरे कोयलांचल में धूमधाम से आज भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक भाई दूज मनाया गया.
बहनों ने अपने भाई के माथे पर तिलक लगाकर उनके लंबी उम्र की कामना की.
भाई दूज को गोधन भी कहा जाता है. बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए गोधन कूटती हैं
और उन्हें बजड़ी खिलाती है. पूरे जिले में भाई दूज की धूम रही.
बहनें सुबह से ही तैयारी में जुट गई थीं. उपवास रखकर गोबर से
गोधन तैयार किया और सामूहिक रूप से उसे कूटा.
यम देवता से की अपने भाई की रक्षा करने की प्रार्थना
गोधन के गीतों से कोयलांचल गुलजार रहे. गोधन कूटने के बाद बहनों ने भाई को
तिलक लगाकर बजड़ी खिलाई और उनके सुखमय जीवन की कामना की.
बहनों ने यम देवता से अपने भाई की रक्षा करने की प्रार्थना की. भाई दूज की तरह ही बंगाली समुदाय में यह त्योहार भाई फोटा के नाम से जाना जाता है. भाई फोटा पर भी तिलक लगाने की परंपरा है. शहर के हीरापुर, भिस्ती पाड़ा में भाई दूज का पर्व उत्साह के साथ मनाया गया.
12 बजकर 45 मिनट तक मना सकते हैं भाई दूज
भाई बहन के प्रेम का प्रतीक पर्व भाई दूज आज मनाया जा रहा है. यह पर्व रक्षाबंधन के भी पहले से सनातनी संस्कृति का हिस्सा रहा है. स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण दोनों में ही इसकी महत्ता वर्णित है. बता दें कि कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से लेकर 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. 12 बजकर 45 मिनट के बाद तृतीया तिथि शुरू हो जाएगी. भाई दूज के दिन कुछ खास उपाय करने से आप भाई के जीवन में आने वाले सभी कष्टों को दूर कर सकती हैं.
भाई दूज का ये है पौराणिक कहानी
भाई दूज के दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर जाते हैं. उन्होंने यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भाई अपनी बहन के घर जाएगा, उसके यहां भोजन करेगा और तिलक लगवाएगा, उसे अकाल मृत्यु या यम का भय नहीं होगा. इस वजह से हर साल भाई दूज पर भाई अपनी बहनों के घर जाते हैं और उनसे तिलक कराकर भोजन ग्रहण करते हैं. बहनें भाइयों की लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं.
रिपोर्ट: राजकुमार जायसवाल