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Saturday, April 20, 2024

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सैकड़ों मेडल जीत चुकी आर्चर ज्योति और मधु की टूट रही उम्मीदें, क्या उन्हें मिल पायेगा 3 लाख का धनुष !

धनबाद : धनबाद के चासनाला क्षेत्र स्थित मोती नगर की रहने वाली संतोष दास की पुत्री ज्योति और मधु आर्चरी में देश को गोल्ड दिलाने का सपना लिए पूरे दिन पास के ग्राउंड में कड़ी मेहनत कर रही है. जिस ग्राउंड में ज्योति और मधु अभ्यास करती है, उस ग्राउंड की स्थिति भी कुछ खास नहीं है. लेकिन सपना भारत देश को आर्चरी में गोल्ड दिलाने का है.

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कई मेडल जीत चुकी है ज्योति और मधु

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आपको बता दें कि आर्चरी खिलाड़ी ज्योति और मधु जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय खेल कर कई मेडल जीत चुकी है. साथ ही नेशनल में भी ज्योति और मधु ने सिल्वर और कांस्य मेडल जीता है. लेकिन इसके आगे वह नहीं खेल पा रही है. कारण यह है कि ओलंपिक खेलने के लिए दोनों बहनों को जिस धनुष की जरूरत है वह धनुष उसके पास नहीं है. उसकी कीमत लगभग 3 लाख रुपये है और इतनी बड़ी रकम उसके पिता के पास नहीं है.

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बेटी की मदद नहीं कर पा रहे पिता, किसी तरह हो रहा परिवार का भरण-पोषण

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ज्योति और मधु के पिता का एक राशन दुकान है. वह भी अच्छी तरह से नहीं चलता है. उसी राशन दुकान से वह अपने घर परिवार का भी भरण-पोषण करते हैं. बावजूद इसके वह किसी तरह आज अपने दोनों बेटियों को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है. लेकिन अब इसके आगे वह मदद नहीं कर पा रहे हैं.

मदद के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार लगा चुकी है गुहार

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ज्योती और मधु की माने तो धनुष के लिए उन्होंने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से कई बार गुहार लगाई है, लेकिन आज तक उन्हें किसी प्रकार की कोई मदद नहीं मिली है. अब ज्योति और मधु न्यूज के माध्यम से राज्य सरकार और जनप्रतिनिधियों को धनुष के लिए मदद की गुहार लगा रही है. उनका कहना है कि अगर उन्हें धनुष मिल गई तो वह देश के लिए गोल्ड मेडल आर्चरी में लेकर जरूर आएगी.

ज्योति और मधु के माता-पिता भी सरकार से लगा चुके हैं गुहार

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ज्योति और मधु के माता-पिता की माने तो उन्हें अब ऐसा महसूस हो रहा है कि उनकी बेटी अब ओलंपिक नहीं खेल पाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि वह बेटियों की मदद के लिए कोशिश तो कर रहे हैं, मगर उन्हें हार ही दिख रहा है. ज्योति और मधु के माता-पिता भी अपनी दोनों बच्चियों के लिए जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधि और राज्य सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. उनका कहना है कि अगर बच्चियों को मदद मिले तो वह जरूर देश के लिए गोल्ड मेडल जीतेगी.

रिपोर्ट : राजकुमार जायसवाल

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