आदिवासी को लेकर एजेंडा सेट करते हैं बाबूलाल, सदन में सीएम हेमंत ने बीजेपी को कई मुद्दों पर घेरा

रांची : आदिवासी- मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सदन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सत्र काफी छोटा था लेकिन आज काफी लंबा चला. इसके लिए सभी को धन्यवाद. इस दौरान मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को खूब सुनाया और कई मुद्दों पर घेरा. हालांकि इस दौरान विपक्ष के एक भी सदस्य मौजूद नहीं थे.

कड़वी बात सुनने के आदि नहीं हैं विपक्ष

सीएम हेमंत ने विपक्ष के जाने पर कहा कि ये कड़वी बात सुनने के आदि नहीं है. विपक्ष के लोगों ने कभी न संघर्ष किया और न देखा है. वर्तमान सरकार के तीन वर्ष पूरे होने वाले हैं ये चुनौती काफी अधिक है. नया वेरियंट भी आ रहा है, जिसकी जानकारी सबसे अधिक केंद्र सरकार को है. टीवी मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है. आज वित्त मंत्री के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी है. विपक्ष के पास न नेता है न मुद्दा है, षड्यंत्र के तहत सदन को नेता विहीन किया हुआ है.

आदिवासी: बीजेपी ने बाबूलाल मरांडी को बनाया मुखौटा

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबूलाल मरांडी को मुखौटा बनाकर आगे कर दिया गया है. एक आदिवासी चेहरा को आगे कर सोशल मीडिया के माध्यम से वो आदिवासी को लेकर एजेंडा सेट कर रहे हैं. लेकिन अब राज्य की जनता इनकी चाल समझ चुके हैं. सरना सनातन सम्मेलन का सिमडेगा बानो में सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है.

सरना धर्म कोड के हितैषी नहीं बीजेपी

उन्होंने कहा कि सरना कोड के हितैषी बता रहे है तो इतने महीने हो गए दिल्ली भेजे हुए, अभी तक मुहर क्यों नहीं लगाते हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने एक फोटो भी दिखाया. बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि न ये सरना धर्म कोड के हितैषी हैं, न ही 1932 के और न ही ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के और न नियोजन नीति बनाने में. जब वो 1932 लाये थे तब सड़क पर आंदोलन हो रहे थे और जब हम लाये तब रंग अबीर गुलाल लगे. हम जो नियोजन नीति लाये थे उसमें हमारी मनसा था कि 40 प्रतिशत बाहरी को रोकना, सिर्फ स्थानीय को उनका हक मिले लेकिन वो भी नहीं होने दिया.

ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के दरवाजे पर सिमट गई बीजेपी की राजनीति

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे नियोजन नीति को जो कोर्ट में चुनौती दिया, उसमें बीजेपी के नेता है और 20 लोग बाहरी हैं. आज इनकी राजनीति ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स के दरवाजे पर सिमट कर रह गया है. नेटफ्लिक्स के तरह अलग अलग पार्ट के तरह अखबारों में खण्ड खण्ड में छपते हैं और ये सड़क पर उतरते हैं

आदिवासी: सीएम ने कोयला खनन का किया जिक्र

सरकार बनने के बाद ही केंद्र सरकार के कोयला मंत्री आये थे, मैंने उनको कहा था इस राज्य में जो भी खनिज संपदा को निकाला जाता उसमें भारी मात्रा में अवैध तरीके से ट्रांसपोर्टिंग की जाती रही है. रेलवे के द्वारा इतने वर्षों में खनिज संपदा का आवागमन हुआ इसकी जांच एसआईटी का गठन करवाएंगे. मेरे पत्र लिखने के बाद पोर्टल को जोड़ने का काम शुरू किया गया. खनिज संपदा को लूटने में यहां तो ट्रक और ट्रैक्टर बदनाम है. हमको आपको जानकारी नहीं वहां तो ट्रेनों से लूटी जा रही है. कहावत वही है चोर मचाये शोर वाली हालात है.

सीएम ने ईडी और सीबीआई को लेकर केंद्र सरकार को घेरा

उन्होंने कहा कि लाखों करोड़ हमारे खनिज संपदा के बांकी है. 20 वर्षों में इसकी मांग बीजेपी ने क्यों नहीं की. इस राज्य को गरीब कैसे किया जाय, इसी पर इनका काम चलता है. प्रधानमंत्री ने हर घर के लोगों को आवास देने की बात करते थे, 8 लाख आवास की मांग की जा रही है, लेकिन नहीं दिया जा रहा है. अनाज की आपूर्ति नहीं की जा रही है. जब हम अपने हक अधिकार की बात करते हैं तो हमारे पीछे ईडी और सीबीआई लगा देते हैं.

रिपोर्ट: मदन सिंह

Share with family and friends: