Koderma– भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति में आंगनबाड़ी केंद्रों की रूप-रेखा में व्यापक बदलाव की बात की है. लेकिन इसकी शुरुआत कोडरमा में हो चुकी है. निश्चित तौर पर कोडरमा के लोचनपुर, आंगनबाड़ी केंद्र में जो नजारा दिख रहा है, वह तस्वीरें अब तक राज्य के निजी प्ले स्कूलों में हुआ करती थी.
लोचनपुर, आंगनबाड़ी केंद्र को पहला मॉडल आंगनबाड़ी केंद्र यानी प्री नर्सरी स्कूल के रूप में तब्दील किया गया है. जहां बच्चों को पोषाहार के साथ उसी अनुपात में शिक्षा का आहार भी दिया जा रहा है. वह तमाम सुविधा प्रदान की गई है जो निजी प्ले स्कूलों में दी जाती है. पढ़ने-लिखने, खेलने-कूदने के अलावे मनोरंजन की भी व्यवस्था है. आज यह प्री नर्सरी स्कूल निजी प्ले स्कूलों को कड़ी टक्कर दे रहा है.
आंगनबाड़ी केंद्र के अंदर से लेकर बाहर तक की दीवारों पर बच्चों के ज्ञानेंद्रियों के विकास को लेकर तस्वीरें उकेरी गई है. देखते-देखते बोलना और बोलते-बोलते पढ़ने की सोच बच्चों और अभिभावकों को लुभा रही है.
इसका उद्देश्य सिर्फ भवन का जीर्णोद्धार करना नहीं है बल्कि पोषाहार केंद्र के रुप में चिह्नित किए जाने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों की तकदीर और तस्वीर में बदलाव की है. पोषाहार के साथ बच्चों को शिक्षा का आहार भी समान रूप से मिले, इसी सोच के साथ जिला प्रशासन ने प्री नर्सरी स्कूल की शुरुआत की है.
रिपोर्ट- कुमार अमित
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