पटना : भाजयुमो- बिहार में महागठबंधन सरकार में शामिल आरजेडी कोटे से शिक्षा मंत्री बने चंद्रशेखर के बयान पर घमासान मचा हुआ है. इस बीच भाजयुमो ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के खिलाफ केस दर्ज कराया है. भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने सिविल कोर्ट में मुकदमा दायर किया.
सरेआम माफी मांगे चंद्रशेखर- दुर्गेश सिंह
मुकदता दायर के बाद भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने कहा कि शिक्षा मंत्री जब तक सरेआम माफी नहीं मांगते है, तब तक हमलोग इस मामले में उनका विरोध करते रहेंगे. उन्होंने हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र ग्रंथ का अपमान किया है. उन्होंने हिन्दू समाज को बांटने का काम किया है, जो किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
किसी भी धर्म पर टिप्पणी करना गलत- सीएम नीतीश
इस मामले पर जदयू भी डॉ चंद्रशेखर से माफी की मांग को लेकर जिद पर अड़ी है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. सीएम नीतीश कुमार ने कहा है कि किसी भी धर्म के बारे में बयान देना, उस पर टिप्पणी करना बिल्कुल गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि धर्म के मामले में किसी को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. सब अपने तरीके से धर्म का पालन करते हैं. सभी धर्म का पालन करने वालों को इज्जत मिलनी चाहिए. जिसको जिनकी पूजा करनी है करे. अब तो डिप्टी सीएम ने भी कह ही दिया है. बता दें कि इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव अलग-अलग खड़े दिखाई दे रहे हैं.

भाजयुमो: क्या है रामचरितमानस को लेकर पूरा विवाद
गौरतलब है कि बिहार के शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर ने हिंदू घर्मग्रंथ रामचरितमानस को नफरती ग्रंथ बताया था. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने रामचरितमानस और मनुस्मृति को समाज को बांटने वाली पुस्तक बताया था. उन्होंने कहा कि रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाती है. शिक्षा मंत्री के इस बयान की देशभर में खासी आलोचना हो रही है.
रिपोर्ट: चंदन