जामताड़ा में नाव दुर्घटना : सिस्टम जागता तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा

जामताड़ा में नाव दुर्घटना : सिस्टम जागता तो नहीं होता इतना बड़ा हादसा

बराकर नदी में नाव पलटने से कई लोग लापता, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

जामताड़ा : वीरगांव घाट पर बराकर नदी में हुए नाव दुर्घटना के बाद,

शुक्रवार सुबह से ही रेस्क्यू का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है.

बताया जाता है कि इस हादसे में कई लोग लापता हो गए.

परंतु लोगों का आरोप है कि रेस्क्यू के नाम पर महज खानापूर्ति की जा रही है.

लोगों ने जिला प्रशासन तथा सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रही है.

लोगों का कहना है कि एनडीआरएफ की टीम 5 घंटे विलंब से पहुंची.

आज सुबह से रेस्क्यू का कार्य प्रारंभ किया गया.

अभी तक एक भी बॉडी को नहीं निकाला जा सका है.

प्रशासन की मानें तो देवघर से एनडीआरएफ की कुल 2 टीम बुलाई गई है.

स्थानीय लोगों द्वारा भी नाव से डूबे लोगों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

परंतु अभी तक किसी को निकालने में सफलता नहीं मिली है.

लोगों ने प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप

एसडीओ ने बताया कि रेस्क्यू का कार्य जारी है. परंतु अभी तक किसी को निकाला नहीं जा सका है. हालांकि उन्होंने लोगों की नाराजगी व्यक्त करने के सवाल पर जानकारी नहीं होने की बात कहीं. बहरहाल घटनास्थल पर हजारों की संख्या में लोग जमा हैं और इंतजार कर रहे हैं कि जल्द से जल्द डूबे लोगों को निकाला जा सके. आपको बता दें कि गुरुवार शाम लगभग 6ः30 बजे नाव डूब जाने के कारण लगभग 18 लोग नदी में बह गए थे. हालांकि रात को ही स्थानीय लोगों द्वारा चार लोगों को रेस्क्यू कर निकाला गया था. जिन्हें सदर अस्पताल सहित अन्य नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है.

चार लोगों को किया गया रेस्क्यू

निरसा से वीरगांव की ओर आ रही नाव बराकर नदी में तेज हवा के कारण डूब गई. जिससे उस पर सवार 16 से 18 लोग के डूब गए हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए जामताड़ा उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज ने कहा कि तेज हवा के कारण नाव डूबी है अभी तक चार लोगों की रेस्क्यू की गई है. वहीं धनबाद की ओर से भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, वहां से भी दो से तीन बॉडी मिलने की बात बताई जा रही है.

दो दर्जन से ज्यादा चलती है नाव

उल्लेखनीय है कि बराकर नदी में निरसा से जामताड़ा के वीरगांव घाट पर प्रत्येक दिन दो दर्जन से ज्यादा नाव चलती है. शाम लगभग 6ः30 बजे निशा से जामताड़ा की ओर आ रही नाव डूब गई जिस पर सवार 16 से 18 लोग पानी में डूब गए. वही स्थानीय लोगों की मानें तो नाव पर 5-6 की संख्या में बाइक भी लोड था.

यदि पुल बन गया होता तो नहीं जाती इतनी जानें- फुरकान अंसारी

यदि पुल बन गया होता तो नहीं जाती इतनी जानें

जानकारी मिलने पर गोड्डा के पूर्व कांग्रेस सांसद फुरकान अंसारी मौके पर पहुंचे और राहत कार्य का जायजा लिया. उन्होंनं कहा कि यह बहुत बड़ी घटना है. इतनी बड़ी घटना क्षेत्र में कभी नहीं हुई है. यह दिल को दहला देने वाली घटना है. अगर यहां पुल बन गया होता तो यह घटना नहीं होती. हर साल इस तरह की घटना घटती रहती है. पुल बने इसके लिए विधायक लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है. विधायक से बात कर मुख्यमंत्री से इस बात की जानकारी देने को कहा गया है. पुल नहीं बनने की वजह से इतनी बड़ी घटना हुई है. हर साल लोगों की जान जाती है. अब बहाना बाजी बंद करें और पुल जल्दी बनाएं. अगर आज इसकी घोषणा नहीं होती है तो वे लोग एसेंबली में धरना पर बैठेंगे.

घटनास्थल पर पहुंची विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने ली जानकारी

घटनास्थल पर पहुंची विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने ली जानकारी

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन के साथ निरसा विधायक अपर्णा सेन गुप्ता सहित अन्य जनप्रतिनिधि भी बारबिंदिया नदी घाट पहुंचकर मामले की जानकारी ली. स्थानीय विधायक अपर्णा सेनगुप्ता ने बताया कि 20 से 25 लोग नाव पर सवार थे. जिसमें से कुछ लोग जामताड़ा की ओर तैरते हुए बच निकले. फिलहाल रेस्क्यू की टीम देवघर से गई है.

जेएमएम केंद्रीय सदस्य ने बताया दर्दनाक हादसा

झारखंड के सत्तारूढ़ दल के नेता और जेएमएम केंद्रीय सदस्य अशोक मंडल ने बताया कि तीन लोग जामताड़ा में मिले हैं. उन्होंने बताया कि जामताड़ा जिला के लोग हर दिन रोजगार के लिए धनबाद जिला आते हैं और शाम को वापस इसी नदी से नाव के जरिए घर लौटते हैं. इसी दरमियान आज यह दर्दनाक घटना हुई है.

रिपोर्ट: उज्ज्वल/संदीप कुमार शर्मा

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