Breaking : झारखंड की नई शराब नीति ‘घोटाले की स्क्रिप्ट’, बाबूलाल ने दे डाली ये चेतावनी…

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Ranchi : झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की नई शराब नीति को लेकर हेमंत सोरेन सरकार पर तीखा हमला बोला है। एक प्रेस वार्ता में उन्होंने इस नीति को ‘घोटाले की स्क्रिप्ट’ बताते हुए कहा कि यह नीति केवल कुछ चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है, न कि आम लोगों और बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए।

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Breaking : नई शराब नीति चंद रसूखदारों को फायदा पहुंचाने की योजना

मरांडी ने आरोप लगाया कि यह तीसरी बार है जब झारखंड सरकार ने शराब बिक्री को लेकर नीति बदली है, और हर बार इसमें पारदर्शिता की बजाय बंद कमरे में चंद रसूखदारों को फायदा पहुंचाने की योजना बनती रही है। उन्होंने कहा कि खुदरा शराब बिक्री की नई व्यवस्था में नीलामी और लाइसेंस वितरण की प्रक्रिया संदेहास्पद है और इससे स्पष्ट होता है कि नीति कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के इरादे से बनाई गई है।

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उन्होंने यह भी कहा कि सितंबर 2024 में भाजपा की ओर से सरकार को पत्र लिखकर शराब नीति पर ग्राम सभा और पंचायती राज संस्थाओं से सलाह लेने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने उस सुझाव को पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया। मरांडी ने कहा, “जो सरकार आदिवासियों की हितेषी बनने का दावा करती है, उसकी नीतियां आदिवासी विरोधी हैं। सरकार कहती कुछ और है और करती कुछ और।”

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नीति में स्थानीय ग्रामीणों को जोड़े सरकार

उन्होंने मांग की कि शराब दुकान संचालन के लिए ‘एक व्यक्ति, एक दुकान’ का स्पष्ट नियम बनाया जाए ताकि आम और बेरोजगार युवाओं को भी रोजगार मिल सके। मरांडी ने सुझाव दिया कि हर दुकान का संचालन उसी व्यक्ति द्वारा होना चाहिए जिसे लाइसेंस दिया गया हो। साथ ही, ग्रामीण इलाकों में शराब की बिक्री के लिए उन महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए जो पारंपरिक रूप से ‘दारू हरिया’ बेचती हैं। इससे स्थानीय महिलाओं को भी सम्मानजनक रोजगार मिलेगा।

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अनुसूचित क्षेत्रों में जनजातीय समुदाय के लोगों को लाइसेंस दे सरकार-बाबूलाल

मरांडी ने विशेष रूप से अनुसूचित क्षेत्रों (शेड्यूल एरिया) में एसटी (अनुसूचित जनजाति) समुदाय के लोगों को ही लाइसेंस दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यदि राज्य सरकार वाकई में रोजगार सृजन को लेकर गंभीर है, तो उसे पारदर्शी नीति बनानी चाहिए, जिससे न सिर्फ राजस्व आए बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी सशक्त बनाया जा सके।

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प्रेस वार्ता के अंत में उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने शराब नीति को पारदर्शी और जनहितैषी नहीं बनाया, तो भाजपा राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। “झारखंड की जनता सब देख रही है। यदि सरकार ने जनभावनाओं की अनदेखी की, तो उसे सड़क पर उतरकर जनता का गुस्सा झेलना पड़ेगा,” उन्होंने कहा।

सौरव सिंह की रिपोर्ट–