झाझा : झाझा नगर परिषद क्षेत्र में सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में बड़े घोटाले का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। आरोप है कि वर्ष 2015 में मृत पेंशनधारियों के नाम से लगभग 35 लाख रुपये की निकासी की गई थी। उस समय झाझा प्रखंड विकास पदाधिकारी और झाझा थाना अध्यक्ष के द्वारा संयुक्त जांच कर एफआईआर दर्ज कराने की बात हुई थी, लेकिन वर्षों तक यह मामला फाइलों में दबा रह गया। क्योकिं फिर से 2021 में भी जांच की गई लेकिन फाइले दवा दी गई थी।

स्थानीय लोगों ने इस घोटाले की सच्चाई उजागर करते हुए कार्रवाई की मांग की
सोमवार को फेसबुक लाइव के जरिए स्थानीय लोगों ने इस घोटाले की सच्चाई उजागर करते हुए कार्रवाई की मांग की। लाइव में यह भी कहा गया कि पेंशन निकासी मामले में झाझा नगर परिषद के टैक्स दरोगा प्रकाश साह का नाम मुख्य रूप से सामने आया है। इस खुलासे के बाद झाझा प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील कुमार चांद ने मामले को गंभीरता से लेते हुए संज्ञान लिया है। उन्होंने आश्वासन दिया कि निकासी घोटाले की जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
गरीब व बुजुर्गों के नाम पर हुई इस हेराफेरी ने सामाजिक सुरक्षा योजना की साख को धक्का पहुंचाया है – लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि गरीब और बुजुर्गों के नाम पर हुई इस हेराफेरी ने सामाजिक सुरक्षा योजना की साख को धक्का पहुंचाया है। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि प्रशासन कितनी तेजी से जांच आगे बढ़ाता है और क्या दोषियों तक कार्रवाई पहुंच पाती है। लोगों का कहना है कि यदि प्रखंड स्तर पर कार्रवाई में ढिलाई बरती गई तो वे जिला प्रशासन और न्यायालय तक भी जाने को मजबूर होंगे।
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ब्रह्मदेव प्रसाद की रिपोर्ट
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