HMPV को लेकर केंद्र की राज्य सरकारों को सलाह – घबराएं नहीं, लोगों को जागरूक करें

डिजिटल डेस्क : HMPV को लेकर केंद्र की राज्य सरकारों को सलाह – घबराएं नहीं, लोगों को जागरूक करें। चीन में तेजी से फैले और आतंक मचाए HMPV वायरस के केस भारत में भी एक के बाद एक सामने आने का क्रम जारी रहने से अघोषित तौर पर बन रही पैनिक वाली स्थिति से लोगों को बचाने के लेकर भारत सरकार गंभीर है।

इसी क्रम में केंद्र सरकार ने राज्यों को जरूरी सलाह भी दिया है ताकि लोग HMPV को लेकर घबराएं नहीं या पैनिक में ना आएं बल्कि लोगो को इस बारे में सचेत रहते हुए जरूरी सतर्कता बरतने की जरूरत है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे वायरस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करें ताकि बीमारी के वाहक वायरस को पसरने से रोककर बीमारी से बेहतर बचाव हो सके।

HMPV को लेकर अलर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह…

देश में HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस ) के मामले सामने आने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट मोड पर है। इसे लेकर राज्यों को सतत निगरानी और सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। इसके तहत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सलाह दिया है कि वे वायरस की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करें।

साथ ही लोगों को बताएं कि वे साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोएं। बिना धुले हाथों से आंख, नाक या मुंह को छूने से बचें। बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकें।

HMPV Virus
HMPV Virus: भारत में एचएमपीवी के आए तीन मामले

HMPV को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा – घबराने की जरूरत नहीं…

HMPV को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की ओर से बीते सोमवार को दिए गए बयान के बयान के बाद अब केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव का मशविरा सामने आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने देश में श्वसन संबंधी बीमारियों और सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के प्रबंधन की समीक्षा बैठक की।

बताया जा रहा है कि इस बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने राज्य सरकार और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की।

फिर मीडिया को जारी बयान में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला ने कहा कि – ‘…HMPV से जनता को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। यह नया नहीं बल्कि वर्ष 2001 से वैश्विक स्तर पर मौजूद है। HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) अक्सर सर्दी और शुरुआती बसंत के महीनों में सभी उम्र के लोगों में श्वसन संबंधी संक्रमण का कारण बनता है।

…यह आमतौर पर हल्का होता है। इसके अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं। सभी राज्य सरकारें को HMPV से बचने के उपायों के प्रति जनता को जागरूक करने और इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों की समीक्षा करना चाहिए’। 

सांकेतिक चित्र
सांकेतिक चित्र

भारत में अब तक आधिकारिक तौर पर HMPV के 7 मामलों की पुष्टि, नए केस महाराष्ट्र के नागपुर में मिले

चीन में फैले HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के भारत में अब तक सात मामले सामने आ चुके हैं। पहले दो मामले कर्नाटक और तमिलनाडु, एक मामला गुजरात से सामने आए थे। अब दो संदिग्ध मामले महाराष्ट्र से सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा  है कि HMPV पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। इससे जुड़ी श्वसन संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं।

वहीं आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) नेटवर्क के मौजूदा आंकड़ों के आधार पर देश में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) या गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के मामलों में कोई असामान्य वृद्धि नहीं हुई है।

मंगलवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नागपुर में जिन बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (ऌेस्र५) संक्रमण मिला है, उनकी उम्र 7 और 13 साल है। उन बच्चों को खांसी और बुखार की शिकायत थी। उसके बाद उनका टेस्ट किया गया। उसमें दोनों बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

चीन में नए खतरनाक वायरस के फैलने से लोगों में भय का माहौल।
चीन में नए खतरनाक वायरस के फैलने से लोगों में भय का माहौल।

इसी क्रम में खास बात यह है कि भारत में अब तक ऌटढश् संक्रमितों के जितने भी नए केस सामने आए हैं उनका कोई चीनी कनेक्शन नहीं मिला है। बीते सोमवार को कर्नाटक और तमिलनाडु में एचएमपीवी संक्रमण के कम से कम चार मामले सामने आए थे। गुजरात से भी एक मामला सामने आया था।

राज्य और केंद्र सरकार ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और लोगों को आश्वासन दिया कि अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।

सरकारी बयान में कहा गया है कि अभी तक जितने भी केस सामने आए हैं। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री यानी चीन से कोई कनेशन सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। सांस संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं।

Related Articles

Stay Connected
115,000FansLike
8,171FollowersFollow
496FollowersFollow
397,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img