डिजिटल डेस्क : HMPV ने अब Maharashtra में भी दी दस्तक। पड़ोसी देश चीन में तेजी से फैल रहे नए ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस यानी HMPV वायरस ने तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात के बाद अब भारत के महाराष्ट्र् में दस्तक दे दिया है।
मंगलवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नागपुर में जिन बच्चों में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (Hmpv) संक्रमण मिला है, उनकी उम्र 7 और 13 साल है। उन बच्चों को खांसी और बुखार की शिकायत थी। उसके बाद उनका टेस्ट किया गया। उसमें दोनों बच्चों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।
भारत में HMPV के अब तक 10 मामले आ चुके हैं सामने
मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में दो बच्चों में Hmpv संक्रमण की पुष्टि होने के बाद देश में कुल केसेस की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। कर्नाटक में कुल चार मामले सामने आए हैं। दो मामले तमिलनाडु और इसके बाद महाराष्ट्र में भी दो केसों की पुष्टि हुई है। इसके अलावा गुजरात और पश्चिम बंगाल में एक-एक मामला सामने आया है।
बता दें कि इन दिनों Hmpv वायरल चीन में कहर बरपा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक यह वायरस फेकड़ों को प्रभावित करता है। इसके चलते फ्लू जैसा संक्रमण होता है। यह वायरस ठंड के मौसम में ज्यादा नुकसान पहुंचाता है।
भारत में सामने आए HMPV के मामलों में नहीं मिला है कोई चीन का कनेक्शन…
इसी क्रम में खास बात यह है कि भारत में अब तक HMPV संक्रमितों के जितने भी नए केस सामने आए हैं उनका कोई चीनी कनेक्शन नहीं मिला है। बीते सोमवार को कर्नाटक और तमिलनाडु में एचएमपीवी संक्रमण के कम से कम चार मामले सामने आए थे। गुजरात से भी एक मामला सामने आया था।
राज्य और केंद्र सरकार ने कहा कि चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और लोगों को आश्वासन दिया कि अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं।
सरकारी बयान में कहा गया है कि अभी तक जितने भी केस सामने आए हैं। उनकी ट्रैवल हिस्ट्री यानी चीन से कोई कनेशन सामने नहीं आया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि एचएमपीवी पहले से ही भारत सहित दुनिया भर में प्रचलन में है। सांस संबंधी बीमारियों के मामले कई देशों में सामने आए हैं।
सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा था – स्थिति की काफी करीब से हो रही मॉनीटरिंग, चिंता की बात नहीं…
बीते सोमवार को देश में Hmpv के 3 नए केस मिलने पर देर सायं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने सरकारी तैयारी एवं निगरानी का ब्योरा मीडिया से साझा किया था। जेपी नड्डा ने कहा था कि – ‘…स्थिति को हम काफी करीब से मॉनिटर कर रहे हैं। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। यह वायरस आमतौर पर ठंड के समय में लोगों को संक्रमित करता है।
…जहां तक चीन में HMPV के बढ़ते मामलों की बात हैं तो इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय, आईसीएमआर और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की ओर से काफी करीब से नजर रखी जा रही है। …WHO ने स्थिति का संज्ञान लिया है और शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट हमारे साथ साझा करेगा। उसके बाद रिपोर्ट आम लोगों के साथ शेयर किया जाएगा’।
…ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) वायरयस कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान सबसे पहले 2001 में ही हो गई थी। …हम लोगों ने बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा की है। चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। देश की स्वास्थ्य प्रणालियां और निगरानी नेटवर्क सतर्क हैं। चिंता की कोई बात नहीं है। …हम स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं।
…आज हुई बैठक में आईसीएमआर और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के पास उपलब्ध रेस्पिरेटरी वायरस के देश के आंकड़ों की भी समीक्षा की गई है और भारत में किसी भी सामान्य श्वसन वायरल रोगजनकों में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है। स्थिति की समीक्षा के लिए बीते 4 जनवरी को स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक की अध्यक्षता में संयुक्त निगरानी समूह की बैठक हुई थी’।