नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अपने अधीन आने वाले सभी स्कूलों में 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल न करने की नीति को समाप्त कर दिया है। यह निर्णय मौजूदा शैक्षिक सत्र से लागू किया जाएगा, जिसका असर देशभर के करीब 3,000 केंद्रीय विद्यालयों, जवाहर नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल और एकलव्य माडल आवासीय विद्यालयों पर पड़ेगा।
यह अधिसूचना 2019 में शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 में किए गए संशोधन के पांच साल बाद जारी की गई है। हालांकि, देश के 16 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में अब भी छात्र 5वीं और 8वीं कक्षा में फेल नहीं हो सकते हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ जैसे राज्य शामिल हैं।
शिक्षा मंत्रालय के नए आदेश के तहत अब हर राज्य के केंद्रीय स्कूलों में छात्रों को परीक्षा परिणाम के आधार पर अगली कक्षा में भेजने या उसी कक्षा में दोबारा पढ़ाई करने का फैसला लिया जाएगा। पहले, संबंधित राज्य सरकारों के नियमों के आधार पर केंद्रीय स्कूलों में छात्रों को प्रमोट किया जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार का नया निर्देश सभी राज्यों के केंद्रीय विद्यालयों के लिए अनिवार्य होगा।
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्यों से अनुरोध किया है कि वे इस नए संशोधन को लागू करें और परीक्षा परिणाम के आधार पर छात्रों के प्रमोशन का फैसला करें। साथ ही, फेल होने वाले छात्रों के लिए दो माह के भीतर पुनः परीक्षा का प्रावधान भी किया गया है। अगर कोई छात्र फिर से परीक्षा में फेल होता है, तो स्कूल अभिभावकों की मदद से उनके लिए विशेष प्रक्रिया तैयार करेगा।