रांची : झारखंड के सत्ता पक्ष के विधायकों के लिए छत्तीसगढ़ नया ठिकाना बन गया है.
मंगलवार को यूपीए के 32 विधायक Special Chartered Plane से रवाना हुए.
बताया जाता है कि झारखंड में जारी राजनीतिक उठापटक के थमने तक रायपुर में ही रहेंगे.
कड़ी सुरक्षा के बीच नया रायपुर के निजी रिजॉर्ट में रूके हुए हैं.
वहीं कांग्रेस के तीन नेताओं को व्यवस्था की जिम्मेदारी दी गई.
रायपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सभी विधायकों और
कांग्रेस संगठन के लोगों से देर रात रिसॉर्ट में पहुंचकर की मुलाकात की.
कांग्रेस के मन में चोर- नेता प्रतिपक्ष
झारखंड के विधायकों के छत्तीसगढ़ आने पर नेता प्रतिपक्ष का बयान सामने आया है.
उन्होंने कहा कि झारखंड के विधायकों को कोई खतरा नहीं है.
उन्हें कैसे बचाया जाए इसकी चिंता कांग्रेस को नहीं करनी चाहिए. वह जहां हैं वहां सुरक्षित हैं.
यह केवल कांग्रेस का डर है, मन का चोर है. जिसे कांग्रेस को मन से निकाल देना चाहिए.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आखिर क्या हो गया कि पूरे देश के विधायकों को छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) आने का आमंत्रण रहता है.
राज्यसभा के चुनाव में भी में भी विधायकों को भोजन कराया गया, लेकिन कोई सीट नहीं बचा पाए.
रिजॉर्ट बना नया ठिकाना
बता दें कि हॉर्स ट्रेडिंग से बचने के लिए सरकार ने क्राइसिस मैनेजमेंट (Crisis Management) तैयार किया है.
सूचना के मुताबिक, 31 अगस्त तक विधायक रायपुर में रहे सकते हैं.
एक को झारखंड कैबिनेट की बैठक है. कांग्रेस के 13 और झामुमो के 19 विधायक रायपुर में हैं.
उधर रात में छत्तीसगढ़ (Chattisgarh) के सीएम भूपेश बघेल ने विधायकों के साथ झारखंड की राजनीति पर चर्चा की.
ये विधायक नहीं गये रायपुर
सीएम हेमंत सोरेन और स्पीकर रवींद्रनाथ महतो सहित झामुमो कोटे के सभी मंत्री रांची में ही हैं.
वहीं दुमका विधायक बसंत सोरेन, लोबिन हेंब्रम, सविता महतो भी रायपुर नहीं गये.
कांग्रेस के विधायक इरफान अंसारी, नमन विक्सल कोंगाड़ी और राजेश कच्छप कोलकाता में हैं.
हाल ही में मां बनी विधायक ममता देवी व बीमार प्रदीप यादव भी रायपुर नहीं गये हैं.