डिजीटल डेस्क : Clue In Sahni Murder Case – साथ खाने-पीने वालों ने ही जीतन सहनी को उतारा था मौत के घाट, चार हिरासत में, चंद घंटे में खुलासे का दावा। बिहार के पूर्व मंत्री और सियासी दल वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी के 75 वर्षीय पिता जीतन सहनी की बीते सोमवार रात दरभंगा के घर में हुई नृशंस हत्या के मामले में पुलिस अब खुलासे के नजदीक पहुंच चुकी है। अगले कुछ घंटे में पूरे मामले का खुलासा करने का दावा किया जा रहा है। इसी क्रम में इस हत्याकांड की जांच में सबसे बड़ा अपडेट यह है कि जीतन सहनी के साथ रात के खाने-पीने वालों ने ही उन्हें मौत के घाट उतारा और फिर जो भी समेटते बना, वह समेट कर चलते बने। हत्यारे निहत जीतन के जानने-पहचानने वाले ही थे, ऐसा पुलिस को पुख्ता हो चुका है और ऐहतियातन चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है।
पड़ोसी भांजे राहुल के बयान से पुलिस को जीतन मर्डर की मिली थ्योरी, जांच तेज
एसआईटी और स्थानीय पुलिस की अब तक जांच में कई रोचक तथ्य सामने आए हैं। दरभंगा जिले में अपने पैतृक गांव सुपौल में जीतन सहनी अकेले ही रहते थे। हत्याकांड को लेकर पड़ोसी और जीतन सहनी के भांजे राहुल सहनी ने जानकारी दी है कि मामा शौकीन मिजाज के थे और घर पर हर रात महफिल सजती थी। बीते सोमवार रात भी खिलाने-पिलाने का सिलसिला चल रहा था और मामा ने जिसे खिलाया-पिलाया, शक है कि उन्हीं लोगों ने उनकी हत्या कर दी। भांजे राहुल सहनी ने आगे कहा कि हत्यारों को मामा जीतन सहनी की हर गतिविधि, घर की स्थिति और घर में कौन सामान कहां-कहां रखा है, हर चीज की जानकारी थी। घर के अंदर एक बक्सा था, जो लाल रंग के कपड़े में लपेटा हुआ था, उसे घर के पीछे वाले हिस्से में फेंक दिया गया था। वहीं घर के अंदर टेबल पर तीन गिलास रखे हुए थे। यह जानकारी सामने आने के बाद से पुलिस जांच में अचानक तेजी आई। जांच टीम के मुताबिक, अगर रात में पीने-पिलाने का सिलसिला चला तो निश्चित तौर पर जीतन सहनी के अलावा दो लोग और घर में थे। लेकिन तत्काल इसकी पुष्टि नहीं हो रही कि वे दोनों कौन थे और जीतन सहनी की हत्या उन्होंने क्यों की। हिरासत में लिए चार लोगों से जारी पूछताछ में इसी क्लू तक पहुचंने का प्रयास जारी है। यही राज बिहार पुलिस खंगालने में जोर लगा रही है।
दरभंगा डीआईजी ने जीतन सहनी हत्याकांड का जल्द खुलासा करने का किया दावा
पुलिस जांच में तेजी से एक के बाद हत्या को लेकर मिल रही जानकारी और आपस में उनकी जुड़ती कड़ियों को लेकर दरभंगा के डीआईजी बाबूराम ने दावा किया इस मामले का खुलासा अगले 7 से 8 घंटे में कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच में कई महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे हैं और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर जांच लगातार छोर की ओर पहुंच रही है और जल्द पूरे मामले से पर्दा उठ जाएगा। डीआईजी बाबूराम लगातार जारी जांच के क्रम में घटनास्थल पर बने हुए हैं और जारी जांच-पड़ताल की निगरानी कर रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, सोमवार रात जिन अपराधियों ने जीतन सहनी की हत्या की, उन्होंने घर के अंदर से एक लाल रंग के कपड़े से लपेटे हुए बक्से को उठाया था और उसे घर के पीछे वाले हिस्से में फेंक दिया था। हालांकि बक्से में कुछ भी नहीं मिला है लेकिन पुलिस उस बक्से को जब्त कर जांच के लिए थाने ले गई है।
घटनास्थल से थोड़ी दूर जाकर वापस लौटे खोजी कुत्ते, चार करीबी हिरासत में
मौके पर पुलिस की डॉग स्क्वायड भी पहुंची लेकिन खोजी कुत्ते निहत जीतन सहनी के घर से कुछ दूरी पर तीन जगहों गए और फिर वापस लौट गए। एसआईटी ने पाया है कि जीतन सहनी के घर में उनके अलावा दो अन्य लोग भी रहते थे। उनमें एक उनके लिए खाना बनाता था और एक उनकी देखभाल करता था। दोनों प्रतिदिन उनके लिए खाना बनाकर रात में अपने-अपने घर चले जाया करते थे। पुलिस ने इस मामले में घर में दूध देने वाले और खाना बनाने वाले सहित चार लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
रोजाना सुबह भजन सुनते थे जीतन सहनी और दिखावे से दूर रहते थे
स्थानीय लोगों जीतन सहनी के बारे में पुलिस को फीडबैक मिला है कि वह रोजाना सुबह में भजन सुना करते थे, जिसकी आवाज आसपास के घरों में भी जाया करती थी, लेकिन मंगलवार सुबह न तो भजन सुनाई दी और न ही जीतन अपने घर से बाहर निकले। इस पर उनके एक पड़ोसी ने खिड़की से देखा तो उनका शव घर में बिस्तर पर क्षत-विक्षत रूप से पड़ा था। पड़ोसी ने इसकी जानकारी अन्य लोगों को दी और पड़ोस के लोग उनके घर पर जमा हुए और बिरौल थाना को घटना की जानकारी दी। एसआईटी ने चोरी के लिए हत्या की थ्योरी को गलत बताते हुए कहा कि चोरी के लिए इस तरह से निर्मम हत्या नहीं होती है। इसलिए जो नए तथ्य मिले हैं, अब उसी क्लू पर काम जारी है और इस हत्याकांड के पीछे की थ्योरी का भी जल्द खुलासा किया जाएगा। जीतन सहनी मछली के व्यवसाय से थोड़ा बहुत जुड़े थे। इनके दो बेटे हैं और सभी बाहर में ही रहते हैं। लिहाजा इनके देखभाल के लिए दो लोग यहां रहा करते थे। गांव से मिले एसआईटी को मिले फीडबैक के मुताबिक, जीतन सहनी बेहद सरल स्वभाव के थे और लोगों की मदद भी करते थे। पूर्व मंत्री के पिता होने के बावजूद जीतन सहनी काफी सादगी से रहते थे। कभी ऐसा नहीं जताते कि वह इतने बड़े नेता के पिता हैं। गरीब परिवार में जन्म लेने वाले जीतन सहनी ने काफी मेहनत और संघर्ष से बच्चों को पढ़ाया-लिखाया।
सोमवार रात 8 बजे जीतन राम की छोटे बेटे संतोष से हुई थी बात
पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के छोटे भाई व वीआईपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी अपने पिता की हत्या की सूचना मिलते ही जहानाबाद से दरभंगा पहुंचे। दरभंगा में मीडिया से मुखातिब होने पर उन्होंने कहा कि बीती रात आठ बजे आखिरी बार उनकी अपने पिता से बातचीत हुई थी। उस समय उन्होंने पूछा था कि कब आना है, तब संतोष सहनी ने अपने पिता से कहा था कि चुनावी काम में व्यस्त हैं और उसके खत्म होते ही आ जाएंगे। फिर मंगलवार सुबह उनकी हत्या कर दिए जाने की खबर मिली तो सन्न रह गए क्योंकि उनके परिवार की गांव में किसी से किसी भी प्रकार की कोई दुश्मनी नहीं है और न ही जिले के किसी व्यक्ति से भी परिवार के लोगों की कोई दुश्मनी है। वह स्वयं पिता की इतनी नृशंस हत्या से स्तब्ध हैं।