Ranchi-झारखंड एटीएस की टीम ने एक करोड़ के इनामी माओवादी पतिराम मांझी समेत झारखंड-बिहार के बड़े आपराधिक गिरोहों को हथियार-कारतूस की सप्लाई के आरोप में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में तैनात सीआरपीएफ जवान अविनाश कुमार और उसके दो साथी ऋषि कुमार और पंकज सिंह को गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि अविनाश कुमार चार माह से ड्यूटी से गायब है. फिलहाल सीआरपीएफ की 182 बटालियन में आरक्षी के पद पर पुलवामा में तैनात है. अविनाश की बहाली 24 अगस्त 2011 को मोकामा ग्रुप केंद्र से सीआरपीएफ के पद पर हुई थी. पूर्व में वह 112 बटालियन लातेहार व 204 कोबरा बटालियन जगदलपुर में पदस्थापित रहा था. साल 2017 से वह पुलवामा में तैनात था. अविनाश के पास से मिले मोबाइल से कई राज खुले हैं. अविनाश ने जेल में बंद अपराधियों से टेलीग्राम और व्हाट्सएप के जरिए संपर्क साधा था.
झारखंड एटीएस, एसपी प्रशांत आनंद ने बताया कि इस गिरोह में अभी कई और लोग संलिप्त है, उनके संबंध में जानकारियां प्राप्त की जा रही है. आरोपी नागालैंड और असम से हथियार-कारतूस लाते थे और इसकी सप्लाई माओवादियों और आपराधिक गिरोहों को की जाती थी. केंद्रीय पारा मिलिट्री फोर्स को आवंटित किया जाने वाला हथियार या कारतूस ही अपराधियों के सहारे माओवादियों और आपराधिक गिरोहों तक पहुंचाया जाता था.
एसटीएफ की टीम ने अविनाश कुमार उर्फ चुन्नू को गया, ठेकेदार ऋषि कुमार को पटना और जमीन व कोयला कारोबारी पंकज कुमार सिंह को रांची से गिरफ्तार किया. गिरफ्तार आरोपियों के पास से एके-47 और इंसास राइफल की 450 गोलियां बरामद भी बरामद की गई है.
रिपोर्टः प्रतीक