रांची: नौकरी दिलाने के नाम पर युवाओं को कंबोडिया और थाईलैंड भेजकर साइबर अपराध कराने वाले एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। रांची पुलिस ने इस गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरोह के सदस्य गिरिडीह के इसरी बाजार निवासी वसीम खान और कोडरमा के जयनगर के यमुना कुमार राणा हैं।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के पास से पासबुक, चेकबुक, लैपटॉप, पेन ड्राइव, विदेश भेजे गए युवाओं का बायोडाटा, पासपोर्ट और वीजा भी बरामद किया है। आरोपियों के खिलाफ साइबर अपराध थाना में एफआईआर दर्ज की गई है।
पुलिस के अनुसार, ये दोनों आरोपी युवाओं को डेटा एंट्री ऑपरेटर के पद पर नौकरी का झांसा देकर कंबोडिया, लाओस और थाईलैंड भेजते थे। विदेश पहुंचने पर, युवाओं को साइबर ठगी करने के लिए विवश किया जाता था।
इस मामले में अब तक सात पीड़ितों की पहचान की जा चुकी है, जिनमें से चार धनबाद, दो रांची और एक कोडरमा का निवासी है। पुलिस ने धनबाद के मिराज अंसारी और सैफ अली के बयान भी दर्ज किए हैं, जिन्होंने बताया कि उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए जाते थे और स्कैम सेंटर छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाती थी।
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए वित्तीय लेन-देन और कम्युनिकेशन नेटवर्क की जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि कंबोडिया के सिहानौवाइल, चियांग राई और थाईलैंड में चल रहे स्कैम सेंटर की गतिविधियों में इन आरोपियों की संलिप्तता थी।
फिलहाल, आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी है और पुलिस अन्य पीड़ितों की तलाश और मामले की गहराई से जांच कर रही है।