Giridih: जिले के मोहनपुर स्थित केंद्रीय कारा में बीती देर रात एक विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया, जिसने जेल प्रशासन से लेकर बंदियों तक में हड़कंप मचा दिया। यह कार्रवाई जिला उपायुक्त रामनिवास यादव और पुलिस अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार के नेतृत्व में की गई। छापेमारी का उद्देश्य जेल में गैरकानूनी गतिविधियों की रोकथाम और सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा था।
रात 11:30 बजे शुरू हुआ ऑपरेशन, 2 घंटे तक चली तलाशी
यह छापेमारी मंगलवार रात लगभग 11:30 बजे शुरू हुई और करीब दो घंटे तक चली। अभियान में 40 अधिकारियों और 123 जवानों की टीम ने हिस्सा लिया। तलाशी अभियान के दौरान केंद्रीय कारा के पुरुष कैदियों के पांच ब्लॉकों के 20 वार्डों और महिला कैदियों के वार्ड की बारीकी से तलाशी ली गई।
महिला बंदियों के वार्ड की तलाशी महिला अधिकारियों द्वारा
महिला वार्ड की तलाशी महिला पदाधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों की टीम ने ली। तलाशी के दौरान कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, हालांकि थोड़ी मात्रा में तंबाकू बरामद किया गया। जेल परिसर में किसी प्रकार का मोबाइल, हथियार या नशीला पदार्थ नहीं मिला, जिससे यह संकेत मिला कि सुरक्षा व्यवस्था अपेक्षाकृत संतोषजनक है।
वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में चला तलाशी अभियान
इस विशेष अभियान में डीसी और एसपी के साथ-साथ कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, जिनमें सदर अनुमंडल पदाधिकारी श्रीकांत, डीएसपी वन नीरज कुमार सिंह, डीएसपी टू कौशर अली, एसडीपीओ जीत वाहन उरांव, साइबर डीएसपी आबिद खान, प्रशिक्षु डीएसपी, मुफ्फसिल थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो, नगर थाना प्रभारी शैलेश प्रसाद, बेंगाबाद इंस्पेक्टर ममता कुमारी, पचंबा थाना प्रभारी राजीव कुमार, ताराटांड़, गांडेय और अहिल्यापुर थाना के अधिकारी शामिल थे।
क्यों की गई यह छापेमारी?
जानकारी के अनुसार, यह छापेमारी सूचनाओं के आधार पर की गई, जिनमें संदेह था कि जेल में नियमों के उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं। हालांकि इस बार की छापेमारी में कोई बड़ी आपत्तिजनक वस्तु नहीं मिली, लेकिन प्रशासन ने आंतरिक सतर्कता को लेकर यह संदेश जरूर दे दिया कि भविष्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
प्रशासन की सख्त निगरानी का संकेत
इस कार्रवाई के जरिए जिला प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया कि केंद्रीय कारा में किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रशासन ने इस तरह की छापेमारी को नियमित प्रक्रिया बताते हुए कहा कि इससे जेल प्रबंधन और कैदियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने में मदद मिलती है।
रिपोर्टः नमन नवनीत