Thursday, July 10, 2025

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नेतरहाट आवासीय विद्यालय में गिरता शैक्षणिक स्तर, 10वीं-12वीं के पांच छात्र फेल, शिक्षा मंत्री ने जताई चिंता

रांची : कभी देश के सर्वश्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में गिना जाने वाला नेतरहाट आवासीय विद्यालय आज शिक्षा के गिरते स्तर का सामना कर रहा है। वर्ष 2025 के सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में इस प्रतिष्ठित स्कूल के परिणाम में भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस बार यहां के पांच छात्र फेल हो गए—जिसमें 10वीं का एक और 12वीं के चार छात्र शामिल हैं। यह स्कूल के इतिहास में पहली बार हुआ है।

सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होने के बाद गिरा परिणाम
बताया जा रहा है कि सीबीएसई पाठ्यक्रम लागू होने के बाद से छात्रों के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिल रही है। इस बार अधिकतर छात्रों के अंक 80 प्रतिशत से भी कम आए हैं, जो कि नेतरहाट जैसे स्कूल के लिए चिंताजनक है।

शिक्षा मंत्री ने जताई चिंता, बनेगी जांच कमेटी
शुक्रवार को नेतरहाट विद्यालय समिति की सामान्य निकाय बैठक में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने इस स्थिति को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताते हुए जांच के आदेश दिए। उन्होंने रिजल्ट की गिरावट के पीछे के कारणों की जांच के लिए विशेष कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है। दोषियों को शोकॉज नोटिस देने की बात भी कही गई है।

बैठक में लिए गए अन्य फैसले:

  • वर्ष भर में कम-से-कम 245 दिनों की पढ़ाई सुनिश्चित की जाएगी।

  • नेतरहाट के पूर्ववर्ती छात्र एक सप्ताह स्कूल में रहकर मूल्यांकन में भाग लेंगे।

  • स्वाध्याय व्यवस्था का सख्ती से पालन कराया जाएगा।

  • स्कूल की बुनियादी सुविधाएं जैसे भवन, लाइब्रेरी, लैब आदि को दुरुस्त किया जाएगा।

यह सारी पहल इस गौरवशाली संस्थान की खोई हुई प्रतिष्ठा को पुनः स्थापित करने के प्रयास का हिस्सा है।

नामांकन में भी आई गिरावट
शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक समय में जहां स्कूल में दाखिले के लिए 30 से 35 हजार आवेदन आते थे, वहीं अब यह संख्या घटकर 1200 से भी कम रह गई है। यह दर्शाता है कि लोगों की इस स्कूल के प्रति रुचि कम हो रही है। कमेटी को यह भी जांच का निर्देश दिया गया है कि स्कूल की प्रतिष्ठा और आकर्षण में गिरावट क्यों आई।

रिजल्ट में गिरावट 2010 से
शिक्षा मंत्री ने यह भी स्वीकार किया कि नेतरहाट विद्यालय का परिणाम वर्ष 2010 से लगातार खराब हो रहा है। उन्होंने विद्यालय की नियमावली में बदलाव करने का सुझाव भी दिया, जिससे शैक्षणिक व्यवस्था को फिर से मजबूत किया जा सके।

शिक्षकों की भारी कमी, पूर्व छात्रों की मदद ली जाएगी
वर्तमान में विद्यालय में 43 पदों के मुकाबले केवल 18 शिक्षक ही कार्यरत हैं। इस कमी को पूरा करने के लिए पूर्व छात्रों और अन्य योग्य लोगों की मदद ली जाएगी। उन्हें आवागमन व ठहरने की सुविधा के साथ मानदेय दिया जाएगा। इसके लिए एक रोस्टर भी तैयार किया जा रहा है।