गिरिडीह के बिरनी प्रखंड के जनता जिरीडीह गांव में जमीन विवाद पर दो पक्षों में हिंसक झड़प, 20 लोग घायल, पुलिस ने गांव में अतिरिक्त बल तैनात किया।
Giridih Land Dispute Clash गिरिडीह: गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के जनता जिरीडीह गांव में बुधवार को जमीन विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच खूनी संघर्ष हो गया। इस झड़प में करीब 20 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को स्थानीय स्तर पर प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए धनबाद स्थित शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) भेजा गया, जहां फिलहाल उनका इलाज जारी है।
Giridih Land Dispute Clash:
घायल श्रीकांत वर्मा ने बताया कि विवाद उनके रिश्तेदारों के साथ पूर्वजों की जमीन पर खेती करने को लेकर चल रहा था। उनके अनुसार, कुछ यादव समुदाय के लोगों की मदद से उनके रिश्तेदार जमीन पर जबरन कब्जा करने की कोशिश कर रहे थे। बुधवार को जब वे खेत में धान की कटाई कर रहे थे, तभी करीब 100 लोगों का समूह तलवार, लाठी और कुल्हाड़ी से लैस होकर वहां पहुंचा और उन पर हमला कर दिया।
Key Highlights:
गिरिडीह जिले के बिरनी प्रखंड के जनता जिरीडीह गांव में दो पक्षों के बीच हिंसक झड़प।
जमीन विवाद को लेकर करीब 100 लोगों ने तलवार, लाठी और कुल्हाड़ी से किया हमला।
लगभग 20 लोग गंभीर रूप से घायल, सभी को धनबाद के एसएनएमएमसीएच में भर्ती कराया गया।
घायल पक्ष ने प्रशासन पर निष्क्रियता का आरोप लगाया, कहा—शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं हुई।
गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई।
अचानक हुए इस हमले से गांव में भगदड़ मच गई। कई ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें आसपास के लोगों ने तुरंत इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया। श्रीकांत वर्मा का कहना है कि उन्होंने इस विवाद की शिकायत कई बार प्रखंड कार्यालय, थाना और उपायुक्त से की थी, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, जिसके चलते मामला हिंसक रूप ले लिया।
Giridih Land Dispute Clash:
घटना की जानकारी मिलते ही बिरनी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। फिलहाल गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है और दोनों पक्षों के बयान दर्ज कर रही है।
Giridih Land Dispute Clash:
स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में जमीन से जुड़े विवाद लगातार बढ़ रहे हैं और प्रशासन की ढिलाई के कारण कई बार ये झगड़े हिंसक रूप ले लेते हैं। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
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