रांची: झारखंड में एक जुलाई से अंग्रेजी शराब की खुदरा बिक्री कैसे होगी, इसको लेकर स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं है। मौजूदा उत्पाद नीति 30 जून को समाप्त हो रही है, और नई नीति के तहत खुदरा शराब दुकानों की लॉटरी प्रक्रिया और संचालन का प्रावधान किया गया है। लेकिन अब तक न तो लॉटरी प्रक्रिया पूरी हुई है और न ही खुदरा दुकानों का हैंडओवर-टेकओवर हो पाया है।
राज्य में कुल 1453 खुदरा शराब दुकानें हैं। 30 जून के बाद इन दुकानों को झारखंड स्टेट बेवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) के अधीन लिया जाना है। इसके लिए स्टॉक का मिलान, बिक्री और राजस्व की जांच जैसे जरूरी कार्य पूरे किए जाने हैं, जो 10 दिन में कर पाना संभव नहीं दिख रहा। अगर समय पर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती है, तो 1 जुलाई से दुकानों को अस्थायी तौर पर बंद भी करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्लेसमेंट एजेंसी को 31 मार्च के बाद 30 जून तक कार्यकाल विस्तार दिया गया था। लेकिन अब नई उत्पाद नीति लागू करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक प्रक्रियाएं अभी अधूरी हैं। इसकी एक वजह यह भी रही कि उत्पाद आयुक्त ट्रेनिंग पर थे। अब नये आयुक्त व सचिव की पदस्थापना हो चुकी है, जिससे उम्मीद की जा रही है कि अगले सप्ताह आवश्यक निर्देश जारी होंगे।
हालांकि उत्पाद एवं मद्य निषेध मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने संकेत दिया है कि जब तक लॉटरी प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक JSBCL की देखरेख में शराब की बिक्री जारी रहेगी। लेकिन उनकी घोषणा के अनुरूप अब तक जिलों को कोई आधिकारिक निर्देश नहीं मिला है, जिससे जिला स्तर पर तैयारियों में बाधा आई है।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि आने वाले 10 दिनों में क्या प्रक्रियाएं पूरी होंगी और एक जुलाई से शराब की खुदरा बिक्री किस व्यवस्था के तहत की जायेगी।