डिजीटल डेस्क : Hathras Stampede Update – फरार बाबा के वकील बोले – नारायण साकार हरी कहीं नहीं भागेंगे और वेश नहीं बदलेंगे, हादसे की वजह रहे एंटी सोशल एलिमेंट्स। हाथरस की घटना के बाद से नारायण साकार हरी गायब हैं। बीती शाम को नारायण साकार हरी ने सुप्रीम कोर्ट के वकील ए.पी सिंह को पूरे मामले पर बात करने के लिए अधिकृत किया है। एक समाचार चैनल से वार्ता में एपी सिंह ने कहा कि नारायण साकार हरी से बात हुई है।
Highlights
उन्होंने कहा कि नारायण साकार हरी भोले बाबा कहीं नहीं भागेंगे। किसी भी सोशल मीडिया साइट पर नहीं हैं, ना ही उनकी कोई पत्रिका या यूट्यूब चैनल है एवं उनके पास तो कोई फोन भी नहीं है। साथ ही उन्होंने सफाई दी है कि नारायण साकार हरी कभी भी किसी बॉर्डर पर, कहीं एयरपोर्ट पर किसी फ्लाइट पर वेश बदलकर या फिर दाढ़ी बढ़ाते हुए नहीं मिलेंगे। हादसे की वजह उन्होंने श्रद्धालुओं की भीड़ में घुसे एंटी सोशल एलिमेंट्स को बताया।
बाबा के वकील बोले – हादसे को न्यूज चैनलों से देखा है, बाबा कोई चढ़ावा नहीं लेते
वकील ए.पी सिंह ने कहा कि नारायण साकार हरी से बात हुई है और बाबा ने मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम में अपने सेवादार, अनुयायियों और फॉलोवर्स की लाशों को न्यूज मीडिया चैनलों के माध्यम से देखा है। बच्चों को मृत्यु की शैय्या पर देखा है जिसके लिए उनके पास शब्द नहीं हैं। इसीलिए उन्होंने मैसेज दिया है कि सब जितनी भी स्वर्गवासी आत्माएं हैं उनको शांति मिले।
अभी प्राथमिकता यह है कि उनको किसी तरह की दवा व्यवस्था, गाड़ी, एंबुलेंस अस्पताल जिस भी तरह की सुविधा चाहिए वह तत्काल प्रभाव से मुहैया कराई जाए। वकील एपी सिंह ने आगे कहा कि जहां तक बात रही पैसे की तो उनके यहां कोई चढ़ावा नहीं चढ़ता, ना कोई दान पात्र है और ना आपको कोई फोटो मिलेगी क्योंकि ना वह कोई रसीद काटते हैं और ना ही चंदा मांगते हैं।
हादसे की वजह पर बोले बाबा के वकील – लचर थी सरकारी व्यवस्था, सत्संग में घुसे थे एंटी सोशल एलिमेंट
हादसे की वजह पर बात करते हुए एपी सिंह ने कहा कि ‘प्रशासनिक व्यवस्था पूरी तरह से लचर थी और अस्पताल में संसाधन नहीं थी लेकिन समागम स्थल पर पुलिस की पूरी व्यवस्था की गई थी। सबकुछ पुलिस के नियंत्रण में था। नारायण साकार हरि ने सदैव संविधान को माना है, कानून को माना है और प्रशासन को माना है।
इसीलिए मीडिया के सामने दिखाऊंगा कि हमारे पास सारी परमिशन हैं, साइट प्लान है और नक्शा है। सबसे कानूनी रूप से परमिशन लेकर के सारा काम किया जा रहा था। एंटी सोशल एलिमेंट्स ने उसमें प्रवेश किया था। नारायण साकार हरि के समागम में आने की रास्ता अलग होता है। वह पीछे से आते हैं और आगे मंच पर होते हैं। अपनी ब्रह्मवाणी को सुनाते हैं और उसके बाद पीछे से चले जाते हैं।
उनके सामने 20-25 मीटर का रेडियस होता है जिसमें वह दूरी बनाकर रखते हैं और उधर से जाते हैं। उनका गाड़ियों का काफिला जाने के बाद वहां एंटी सोशल एलिमेंट्स श्रद्धालुओं की भीड़ में शामिल हो गए जिसके कारण ये पूरा हादसा हुआ। भगदड़ में जो मौत हुई हैं वह दुखद हैं’।
घटनास्थल का जायजा लेकर सीएम योगी के लौटते ही बाबा पर फूटा लोगों का गुस्सा
हाथरस में हुए हादसे के बाद से लोगों में काफी आक्रोश भी देखा जा रहा है। घटनास्थल पर एकत्रित भीड़ का गुस्सा फूट पड़ा और लोगों ने मुख्य द्वार पर लगे बाबा के बैनर पर ईंट-पत्थर और चप्पले फेंकीं। साथ ही पोस्टर को फाड़ दिया। सिकंदराराऊ में सत्संग में हादसे में 121 लोगों की मौत को लेकर आक्रोशित भीड़ को देख पुलिसकर्मियों मे खलबली मच गई। पुलिस अधिकारियों ने लोगों को किसी तरह समझा-बुझाकर वहां से हटाया गया।
इस बीच हादसे के बाद से फरार चल रहे भोले बाबा की ओर से अधिकृत सुप्रीम कोर्ट के वकील एपी सिंह सामने आए हैं। बुधवार को सीएम योगी आदित्यानाथ घटनास्थल का निरीक्षण करने पहुंचे थे। वहां मंडलभर से फोर्स लगाई गई थी। कई गांवों की भीड़ भी वहां पहुंची थी। घटनास्थल का जायजा लेकर सीएम घटनास्थल से वापस हाथरस के लिए रवाना हो गए। उसके बाद फोर्स भी जाने लगा। तभी कई लोग घटना वाले कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए।
वहां विशाल द्वार बनाया गया था। द्वार पर बैनर लगा था, जिनके बीचों बीच साकार विश्व हरि का फोटो भी लगा हुआ था। देखते ही देखते लोगों ने फोटो पर पत्थर मारना शुरू कर दिया। उसके बाद वहां पड़ी भगदड़ वाली चप्पलें फेंकना शुरू कर दिया। अचानक बने इस माहौल से पुलिसकर्मियों में खलबली मच गई। गुस्साए लोगों को समझाने-बुझाने में अधिकारियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

मरने वालों में से किसी की हड्डी टूटी, किसी की लिवर या फेफड़ा फटने से गई जान
हाथरस हादसे में मरन वाले जिन 37 लोगों का अलीगढ़ में पोस्टमार्टम हुआ है, उसकी रिपोर्ट पर नजर डालें तो भगदड़ की भयावहता की पूरी तस्वीर सामने आ जाएगी। चिकित्सकों का कहना है कि सिकंदराराऊ हादसे में किसी की हड्डी टूटने से तो किसी की लिवर-फेफड़ा फटने से जान गई है।
अलीगढ़ में जिन 37 लोगों का पोस्टमार्टम हुआ उनमें 10 लोगों की मौत दम घुटने से हुई है। सिकंदराराऊ हादसे के 38 मृतकों के शव अलीगढ़ पहुंचे। इनमें 37 लोगों का पोस्टमार्टम हुआ। एक महिला की अभी भी शिनाख्त नहीं हो सकी है। सीएमओ के नेतृत्व में छह सदस्यीय चिकित्सकों की टीम ने हादसे में 10 महिलाओं की मौत भगदड़ में गिर जाने और दम घुटने (एस्फिक्सिया) से होना माना है। अधिकतर लोगों की मौत का कारण शरीर में गंभीर चोट लगना है।
कुछ की मौत सिर में गंभीर चोट आने और हड्डी टूट जाने से ब्रेन हेमरेज के चलते हुई है। करीब 15 लोगों की मौत लिवर, फेफड़े के फट जाने और बाकी लोगों की मौत सिर, कंधे, गर्दन, रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आने से हुई है।
गायब बाबा की तलाश में जुटी पुलिस, संभल के आलीशाल ठिकाने का मिला सुराग
हाथरस हादसे के बाद से ही नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा गायब हैं। पुलिस उनकी तलाश में है। हादसे के बाद बाबा के कई आलीशान आश्रम सामने आ रहे हैं। इन्हीं में एक उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मौजूद भोले बाबा प्रवास कुटिया भी है। जिले की चंदोसी तहसील के गांव सराय सिकंदर के करीब भोले बाबा का आश्रम बना हुआ है।
करोड़ों रुपयों की लागत से बना इस आश्रम पर सन्नाटा पसरा है। आश्रम पर रहने वाले सेवादार के मुताबिक, 12 साल पहले इस आलीशान आश्रम को बनाया गया था। इस आश्रम को 10 बीघा जमीन पर बनाया गया है। इस आश्रम पर रहने वाले सेवादार ने बताया कि संभल जिले में नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के हजारों अनुयायी हैं। भोले बाबा की इस कुटिया का निर्माण 12 साल पहले उनकी कमेटी द्वारा किया गया था।
उन्होंने बताया कि भोले बाबा यहां तीन से चार बार ही प्रवास किए हैं। भोले बाबा यहां जब भी आए वह 7 दिन से कम नहीं रुके। कुटिया बनने के बाद वह सबसे ज्यादा एक माह तक यहां रुके। कुटिया से निकट मैदान में भोले बाबा ने सत्संग भी किया था। सेवादार ने बताया कि माता जी यानी भोले बाबा की पत्नी के नाम यह संपत्ति रजिस्टर्ड है। साथ ही कई एकड़ जमीन भी उनके नाम है। संभल जिले में भी भोले बाबा के मानने वाले काफी संख्या में हैं।
जिस स्थान पर बाबा की कुटिया है उसके आसपास जितने भी ईंट भट्ठा हैं वह सभी भोले बाबा के नाम पर हैं। इनमें भोले बाबा विश्व हरि ईंट उद्योग, साकार विश्व हरि ईंट उद्योग, नारायण हरि ईंट उद्योग शामिल हैं।